नई दिल्ली. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विरोध शुरू करने का फैसला किया है. लगातार 17 दिन से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिली है. स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पार्टी विरोध के तौर-तरीकों पर काम कर रही है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले 17 दिनों में से अधिकतर दिन क्रूड आयल की कीमतों में नरमी का ही रुख रहा, लेकिन घरेलू बाजार में इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, सरकार ने लगातार 17 दिनों तक ईंधन की कीमत बढ़ा रही है. जिससे देश के नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मंगलवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने लगातार 17 दिन से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बेरहमी से वृद्धि करने को लेकर सरकार की निंदा की थी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा था कि, वैश्विक महामारी कोविड-19 के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं के तौर पर दर्ज किया जाएगा.
मंगलवार को तेल विपणन कंपनियों (ओमएसी) ने लगातार 17वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की. राजधानी दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत में 20 पैसे की हुई बढ़ोतरी के बाद, एक लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़कर 79.76 रुपये हो गई. वहीं, डीजल की कीमतों में 55 पैसे की वृद्धि की गई, इसके बाद दिल्ली में डीजल की कीमत 79.40 रुपये प्रति लीटर हो गई. पेट्रोल की तुलना में डीजल के दाम तेजी से बढऩे से दोनों के मूल्य का अंतर घटकर महज 36 पैसे रह गया है.
देश में पेट्रोल-डीजल के दाम 7 जून से लगातार बढ़ रहे हैं. इन 17 दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 8.50 रुपए यानी 11.93 प्रतिशत और डीजल 10.01 रुपए यानी 14.43 प्रतिशत महंगा हो चुका है. वहीं तेल की कीमतों का असर खाद्य वस्तुओं पर भी दिखने लगा है. हरी सब्जी समेत कई के खाने पीने की चीजों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं.