नयी दिल्ली. सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को एक महीने और बढ़ाकर आगामी 31 जुलाई और आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है. इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 31 जुलाई 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है. सरकार ने मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुये कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में छूट) अध्यादेश 2020 के तहत आयकर कानून के विभिन्न अनुपालनों की समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया था. सीबीडीटी ने 24 जून को एक अधिसूचना जारी कर अनुपालन की विभिन्न समयसीमाओं को और आगे बढ़ाकर करदाताओं को और राहत देने की पहल की है. बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है.
इसके मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये (आकलन वर्ष 2019- 20) मूल रिटर्न के साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया गया है.” हालांकि, इसके साथ ही करों, शुल्कों का देरी से भुगतान करने पर 9 प्रतिशत की घटी दर से ब्याज वसूले जाने की अध्यादेश में उल्लिखित सुविधा 30 जून 2020 के बाद किये जाने वाले भुगतान पर लागू नहीं होगी. सरकार ने अध्यादेश जारी कर देरी से कर भुगतान पर लगाये जाने वाले ब्याज की दर को 12 से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया था. केन्द्र सरकार ने इसके साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है. विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है. इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है. इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को भी 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है. आयकर कानून की धारा 54 से लेकर 54जीबी के तहत पूंजीगत लाभ के मामले में ‘रोल ओवर’ लाभ, कटौती का दावा करने के वास्ते निवेश करने, निर्माण अथवा खरीदारी की समयसीमा को भी 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
इस लिहाज से अब 30 सितंबर 2020 तक किया गया निवेश, निर्माण अथवा खरीद पूंजीगत लाभ के तहत कटौती का दावा करने का आधर होगा. इसी प्रकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थित इकाइयों द्वारा आयकर कानून की धारा 10एए के तहत कटौती का दावा करने के लिये कामकाज शुरू करने की तिथि को भी 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है. यह सुविधा ऐसी इकाईयों के लिये होगी जिन्हं जरूरी मंजूरियां 31 मार्च 2020 तक मिल चुकी हैं. विज्ञप्ति के अनुसार टीडीएस..टीसीएस ब्योरा और इस संबंध में प्रमाणपत्र जारी करने की समयसीमा को भी क्रमश: 31 जुलाई 2020 और 15 अगस्त 2020 कर दिया गया है. टीडीएस…टीसीएस कटौती का ब्यौरा और प्रमाणपत्र 2019- 20 की आयकर रिटर्न तैयार करने में जरूरी दस्तावज होंगे. इसके अलावा विभिन्न प्रत्यक्ष कर और बेनामी कानून के तहत विभिन्न अनुपालनों के संबंध में प्राधिकरण द्वारा आदेश पारित करने अथवा नोटिस जारी करने की समयसीमा को 31 दिसंबर 2020 से आगे बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है.