- योगी सरकार का यह दूसरा बजट
- बजट में 7485.06 करोड़ रुपए का घाटा
- लोक लेखा से इसकी पूर्ति हो जाने की संभावना
- चुनावी बयार का खासा असर
- कई नई योजनाओं की घोषणा की
लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 428384. 52 करोड़ रुपए का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया। योगी सरकार का यह दूसरा बजट है। बजट घाटे का है, लेकिन इसमें चुनावी बयार का खासा असर है जिसके चलते लगा नही कोई नया कर है। इसके साथ ही इसमें कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। बजट में कुल प्राप्तियां 4,20,899.46 करोड़ रुपए दर्शाई गई है। यह भी पिछले बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। बजट में 7485.06 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया गया है, हालांकि लोक लेखा से इसकी पूर्ति हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है। पूर्ति होने पर घाटा समाप्त हो जाएगा और अधिशेष 1284. 23 करोड़ रुपए बढ़ सकता है।
इस बजट में यूपी सरकार की महत्वपूर्ण घोषणाओं के तहत –
नई योजनाओं के लिए 14 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा आवंटित
फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये
उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना के लिए 100 करोड़ रुपये
खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन रखा गया
तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन रखा गया
सोलर पम्पों की स्थापना के लिए 131 करोड़ रुपये
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 500 करोड़ रुपये
16 फरवरी 2018 यूपी बजट: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 500 करोड़ रुपये
सरकार के इस बजट में इन मुद्दों पर रहेगा सबसे ज्यादा ध्यान –
यूपी हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पालिसी-2017 के प्राविधानों को मूर्त पूर देने के लिए
निजी टेक्सटाइल औद्योगिक पार्कों के प्रोत्साहन के लिए
औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत निवेश प्रोत्साहित करने के लिए
राज्य में बनी पहली खादी नीति को धरातल पर उतारने के लिए
सीएम समग्र ग्राम विकास योजना के लिए
युवाओं के लिए इस बजट में उम्मीद –
विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने कॉलेज में एडमिशन लेने वाले बच्चों को फ्री लैपटॉप और एक जीबी डाटा इन्टरनेट फ्री में देने का एलान किया था. आज भी इस वादे का इंतजार है।
वहीं जब कि पिछला बजट 2017 इस बजट की तुलना में कुछ इस प्रकार था –
वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट 11 जुलाई को पेश किया गया था। यह बजट 03,84,659,71 करोड़ का था। इस बजट में 36 हजार करोड़ रुपये किसान कर्जमाफी के लिए रखा गया था। पिछले बजट में गांव, किसान, गरीब, युवा को रोजगार, पर्यटन, धर्म, विकास आदि को भी बजट में प्राथमिकता दी गई थी।