नई दिल्ली. देश में लागू हुये नये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में उपभोक्ताओं को अनेक अधिकार और सुरक्षा दी गई है. वहीं अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद अब ई-कॉमर्स कंपनियां भी इसके दायरे में आ गई हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम 27 जुलाई से लागू होंगे.
मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. यह कानून भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के अंतगर्त ही लागू होंगे. अब इस कानून को पूरे देश में 27 जुलाई से लागू किया जाएगा. इस नए कानून में अब उपभोक्ताओं को पहले के मुकाबले ज्यादा अधिकार मिलेंगे. नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार अब ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी नहीं कर पायेंगी.
ई-कामर्स कंपनियों के लिये लागू नये नियमों के अनुसार ग्राहकों के साथ ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी की गई तो ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा कस जाएगा. नए ई-कॉमर्स कानून से ग्राहकों की सहूलियत तो बढ़ाएगी साथ में कई नए अधिकार भी देगी.
इस नए नियम में बेचने वाली कंपनी को यह बताना होगा कि सामान किस देश में बना है. नए उपभोक्ता कानून में ई-कॉमर्स कंपनियों को अब ग्राहकों के हितों का हर तरह से ख्याल रखना पड़ेगा. चाहे वह कंपनियां देश में रजिस्टर्ड हों या विदेश में हो.
नए नियम में जुर्माना के साथ सजा के भी प्रावधान किए गए हैं. अगर कोई ग्राहक ऑर्डर बुक कर बाद में कैंसिल कर देता है तो ई-कॉमर्स कंपनियां चार्ज नहीं ले सकती हैं. साथ ही घटिया सामान डिलीवरी करने पर भी दंड का प्रावधान होगा. रिफंड, एक्सचेंज, गारंटी-वारंटी जैसे सभी जानकारी ई-कॉमर्स कंपनियों के पोर्टल पर उपलब्ध कराने होंगे. इसके साथ ही यह भी बताना होगा कि प्रोडक्ट किस देश का है और किस देश में बना है. साथ ही गलत या लुभाने वाली प्राइस और हिडन चार्ज पर भी लगाम लगाई जाएगी.
नये नियमों के अनुसार अब ई-कॉमर्स कंपनियों को सामानों और सेवाओं के लिए कीमत के साथ सभी प्रकार के शुल्कों का देना होगा ब्योरा. उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट अपने पोटज़्ल पर लिखना होगा. प्रोडक्ट किस देश की है यह भी जानकारी देनी होगी. ई-कॉमर्स कंपनियां अनुचित तरीके से लाभ नहीं कमा सकती हैं. सेवाओं के दाम में गड़बडी और ग्राहकों के साथ भेदभाव मंजूर नहीं होगा. ई-कॉमर्स कंपनियों को भुगतान के तरीकों और उसकी सुरक्षा की गारंटी देनी होगी. ई-कॉमर्स कंपनियों को प्रोडक्ट की जानकारी जैसे पता, संपर्क नंबर देना भी अब अनिवार्य होगा. प्रोडक्ट की रेटिंग को लेकर पारदर्शिता और सोर्स बताना होगा. अगर ग्राहक प्रोडक्ट संबंधी शिकायत करना चाहता है तो ग्राहकों की शिकायत नंबर भी ई-कॉमर्स कंपनियों को वेबसाइट पर उपलब्ध कराना होगा.