नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों की गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर 2017-18 करेगी. वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के लिए इसे संशोधित कर 2018 किया जाएगा केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बजट प्रावधानों पर सम्मेलन में यह जानकारी दी.
गौड़ा ने कहा, ‘‘वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय ने जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लिए आधार वर्ष में संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिससे इसमें देश के आर्थिक परिदृश्य में होने वाले बदलावों को भी शामिल किया जा सके.
जीडीपी और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की गणना के लिए वर्ष 2011-12 और खुदरा मुद्रास्फीति की गणना के लिए भी 2011-12 की कीमतों को आधार मान तुलना की जाती है. सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी और आईआईपी के लिए आधार वर्ष 2017-18 और सीपीआई के लिए 2018 करने का प्रस्ताव किया है.
गौड़ा ने कहा कि उनका मंत्रालय अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में कई कदम उठाएगा जिससे सांख्यिकी प्रणाली में सुधार होगा. इससे उभरते सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में आंकड़ों की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा. आम बजट 2018-19 में मंत्रालय को 4,859 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.