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हर्ड इम्यूनिटी बनना भारत जैसे देश के लिये जटिल प्रक्रिया: स्वास्थ्य मंत्रालय

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नई दिल्ली. भारत में एक दिन में पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण के 50,000 से ज्यादा नये मामले सामने आये जिसके बाद बृहस्पतिवार को देश में कुल संक्रमितों की संख्या 15,83,792 हो गई. वहीं संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या भी 10 लाख के पार हो गई.

वहीं हर्ड इम्यूनिटी के सवाल का जवाब देते हुये स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी या तो वैक्सीन के जरिए या फिर एंटीबॉडी के जरिए बनती है. यानी कि पहले बीमारी होने के बाद लोग उससे ठीक हो चुके हैं. हर्ड इम्यूनिटी बनना भारत जैसे देश के लिए बहुत जटिल है. इसलिए हर्ड इम्यूनिटी का प्रयोग करना संभव नहीं है. दरअसल दिल्ली और मुंबई में लगातार ठीक हो रहे केस को देखते हुए ऐसी चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या देश में हर्ड इम्यूनिटी तैयार हो चुका है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत में अब तक 10 लाख से ज्यादा मरीज कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं और ये अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. ये दिखाता है कि हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स ने बहुत परिश्रम और निष्ठा से काम किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है.

उन्होंने बताया कि अभी देश में रिकवरी रेट 64.44 प्रतिशत है, 16 राज्य ऐसे हैं जिनमें रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है. दिल्ली में रिकवरी रेट 88 प्रतिशत है, लद्दाख में 80 प्रतिशत और हरियाणा में 78 प्रतिशत है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर तेजी से काम जारी है. उन्होंने बताया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के 24 जुलाई के बुलेटिन के अनुसार विश्व में 24 वैक्सीन क्लिनिकल इवैल्यूएशन में हैं और 3 वैक्सीन फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल में हैं. भारत में दो वैक्सीन हैं, दोनों के फेज 1 और 2 के क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गए हैं.

राजेश भूषण ने बताया कि देश में ठीक हो चुके मामले एक्टिव मामलों से 1.9 गुना ज़्यादा हैं. प्रभावी क्लिनिकल प्रबंधन की वजह से देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर लगातार घट रही है, जून में ये दर 3.33 प्रतिशत थी और अभी ये घटकर 2.21 प्रतिशत हो गई है. देश में 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां मृत्यु दर देश की मृत्यु दर से भी कम है. असम, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, बिहार, गोवा और झारखंड में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत नये मामलों में मामले सामने आने के पहले 72 घंटों के अंदर क्लोज कांटेक्ट को ट्रैक किया जा सकता है. और दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के सहयोग से ये करके दिखाया है.

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