- देश भर के मतदाता ऐसा जून के महीने से घर बैठे एक ऐप के जरिये से कर पाएंगे
- लोगों को मतदाता केंद्र या चुनाव कार्यालय पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
- वोटर आईडी में किसी भी तरह की जानकारी का संशोधन एक ओटीपी के जरिये कर सकेंगे
नई दिल्ली। मतदाताओं की सुविधा के लिए जल्द ही चुनाव आयोग अब एक ऐप को लॉन्च करने जा रहा हैं । मतदाता जिसके ज़रिये वोटर लिस्ट में अपना नाम जोड़ सकेंगे या फिर उसमें दी अपनी ही जानकारी में किसी भी तरह का बदलाव कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार देश भर के मतदाता ऐसा जून के महीने से घर बैठे एक ऐप के जरिये से कर पाएंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए एक वेब बेस्ड एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना शुरू किया है जिसके जरिए वोटर आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। घर का पता सही कराने जैसे या किसी और राज्य में शिफ्ट होने पर पता बदलने जैसी चीजों के लिए लोगों को मतदाता केंद्र या चुनाव कार्यालय पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त रावत के मुताबिक वोटर खुद की वोटर आईडी में किसी भी तरह की जानकारी का संशोधन एक ओटीपी के जरिये कर सकेंगे। जानकारी अपडेट करते ही पुरानी जानकारी अपने आप खत्म हो जाएगी।
ख़ास बात ये हैं की ये सारा काम वोटर घर बैठे कर सकेगा। इस प्लेटफॉर्म से देशभर के हजारो निर्वाचन अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। वोटर की तरफ से रजिस्ट्रेशन करने पर या पहचान में किसी भी तरह का बदलाव किए जाने पर निर्वाचन अधिकारी के पास एक एसएमएस अलर्ट जाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदाता सूची में इस से पारदर्शिता आएगी और उसमें डुप्लिसिटी से बचाव हो सकेगा क्योंकि सभी अपडेशन डिजिटली होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार यूजर के मोबाइल पर आने वाला ओटीपी यूनीक होगा। यह मॉनेटरी ट्रांजैक्शन के दौरान मिलने वाले ओटीपी की तरह ही होगा। इस ऐप से कई राज्यों को पहले ही जोड़ा जा चूका हैं। इस सिस्टम से सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जून तक जुड़ जाएंगे।
उसके बाद इस सिस्टम को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसकी फायदे निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे।पिछले कई चुनावो में वोटर लिस्ट में नाम होने न होने के कई मामले सामने आते रहे हैं, ऐसे में चुनावी प्रक्रिया को बेजोड़ बनाने के लिए चुनाव आयोग का ये कदम एक सही दिशा में बढता हुआ नज़र आता हैं।
हाल ही में हुए हिमाचल और गुजरात के चुनाव और अब आने वाले पूर्वोतर के चुनावो के खत्म होते ही ये प्रक्रिया और तेज़ हो जाएगी। चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह साफ़ सुथरा बनाने की राह में ये कदम मील का पत्थर साबित होगा।