नई दिल्ली. सचिन तेंदुलकर के चीनी निवेश वाली कंपनी पेटीएम फस्र्ट गेम्स के ब्रांड अंबेसेडर बनने पर व्यापारियों ने निराशा व्यक्त की है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सचिन तेंदुलकर से सख्त लहजे में कहा कि मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में जब चीन के साथ भारत का एक तरह से शीत युद्ध चल रहा है ऐसे में सचिन का किसी भी बड़े चीनी निवेश वाली कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बनना उनकी मंशा जाहिर करता है.
कैट ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के इस कदम से साफ़ तौर पर पता चलता है कि वे किसी भी स्थिति में ज्यादा से ज्यादा धन कमाना चाहते हैं. कैट ने सचिन तेंदुलकर के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह देश को बताएं कि उनके लिए धन बड़ा है या देश?
व्यापारी संगठन ने दावा किया कि पूर्व क्रिकेटर के इस नासमझी कदम से ना सिर्फ व्यापारी बल्कि करोड़ों फैंस नाराज़ हैं. कैट ने सचिन तेंदुलकर को चि_ी भेजकर अपना फैसला बदलने का आग्रह किया है.
सचिन तेंदुलकर को लिखी चिठ्ठी में कैट ने जिक्र किया है कि वे रविवार तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे. जवाब नहीं मिलने पर अगले सप्ताह देश भर में इस मुद्दे पर सचिन के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एक तरफ चीनी कंपनियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के 10 हजार प्रमुख व्यक्तियों की जासूसी करता है, वहीं दूसरी खुद को भारत का बेटा कहने वाले सचिन तेंदुलकर चीनी निवेश वाली कंपनी का ब्रांड अंबेसेडर बनने में कोई शर्म महसूस नहीं करते हैं.
सचिन को नहीं भूलना चाहिए कि देश के लोगों ने उन्हें अपनी सर आंखों पर बिठाया, सम्मान, प्यार और धन दिया. वही सचिन आज थोड़े से धन के लिए देशवासियों के विश्वास का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विज्ञापनों में आने वाली हस्तियां एक प्रकार से हमारे युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं. हमारे युवा इन कलाकारों को देखकर उनकी नकल करना चाहते हैं. उनके समान बनना चाहते हैं. इसलिए जो भी व्यक्ति सामाजिक जीवन से जुड़ा है, उसका व्यवहार उच्चतम मापदंड के अनुसार होना जरूरी है. लेकिन यहां सचिन तेंदुलकर इन मापदंडों पर फेल साबित हो रहे हैं. सचिन तेंदुलकर को चाहिए कि अविलंब कंपनी का ब्रांड एंबेसडर पद छोडऩे की घोषणा कर दें.