नई दिल्ली. भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वैैक्सीन बनाने का तेजी से कार्य चल रहा है. ह्यूमन ट्रायल का दौर कई देशों में तीसरे स्टेज तक पहुंच चुका है. उम्मीद की जा रही है कि मार्च 2021 तक कोरोना वैक्सीन सभी के सामने होगी. ऐसे में भारत ने इस वैक्सीन को देश के लोगों तक पहुंचाने के लिए अलग फंड रख दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने पूरे देश में वैक्सीनेशन के लिए करीब 50 हजार करोड़ का अलग से फंड रिजर्व किया है. कहा गया है कि पीएम मोदी सरकार का मानना है कि देश में प्रति व्यक्ति वैक्सीन का खर्च 6 से 7 डॉलर होगा. ऐसे में 130 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम काफी महंगा हो सकता है.
बताया जा रहा है कि इस फंड को चालू वित्त वर्ष के लिए प्रोविजनिंग कर दिया गया है. जानकारों की मानें तो फंड की किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. वैसे अभी तक वित्त मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. साथ ही विदेशी मीडिया की इस रिपोर्ट पर सरकार के किसी मंत्री की ओर से कोई कमेंट नहीं आया है.
कुछ दिन पहले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदर पूनावाला की ओर से बयान आया था कि पूरे देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम रन कराने के लिए सरकार को करीब 80 हजार करोड़ रुपए की जरुरत होगी. उन्होंने अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया था कि वैक्सीन की सरकारी खरीद के बाद इसकी डिलिवरी सबसे बड़ी समस्या होने वाली है.