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लखनऊ म्युनिसिपल बॉन्ड बीएसई पर सूचीबद्ध, जुटाए थे 200 करोड़ रुपये

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नई दिल्ली. लखनऊ नगर निगम ने बीएसई बॉन्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करके प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए 200 करोड़ जुटाए और यह बॉन्ड आज एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हो गया. इसके लिए 21 निविदाकर्ताओं ने बोलियाँ लगाई और इससे 4.5 गुना निवेशकों ने सब्सक्रिप्शन लिया. कॉर्पोरेशन के 200 करोड़ रुपये निर्गम आकार वाले इस प्रस्ताव की शुरुआत के 60 सेकंड के भीतर ही निविदाकर्ताओं ने बोलियाँ लगाई, जिसे 13 नवंबर, 2020 को सब्सक्रिप्शन के लिए खोला गया था.

यह देश के उन 8 शहरों में से एक है जिसने ्ररूक्रञ्ज (अमृत) और स्मार्ट सिटीज मिशन की फंडिंग के लिए नए दिशा-निर्देशों का भरपूर लाभ उठाया है, ताकि सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुरूप कुल 3690 रुपये जुटाए जा सकें. इस पूंजी का इस्तेमाल ्ररूक्रञ्ज (अमृत) परियोजनाओं तथा बुनियादी संरचना से संबंधित अन्य परियोजनाओं की आंशिक तौर पर फंडिंग के लिए किए जाने का प्रस्ताव है. भारत और ब्रिकवर्क रेटिंग द्वारा ्र्र स्टेबल तथा स्टेबल की रेटिंग प्राप्त करने वाले इन बॉन्ड्स की समयावधि 10 वर्ष है, और यह निश्चित किया गया है कि मूलधन का भुगतान चौथे एवं दसवें वर्ष से 7 किश्तों में किया जाएगा.

कितनी है बॉन्ड की कूपन दर

कर-योग्य बॉन्ड की कूपन दर को 8.5त्न प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया था. म्युनिसिपल बॉन्ड्स को भारत सरकार की ओर से 26 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है, जिसके बाद उधार की वास्तविक लागत लगभग 7.25त्न होगी. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ नगर निगम ने अपने बॉन्ड के निर्गम के माध्यम से 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं और यह आज बीएसई पर सूचीबद्ध हो गया है, जो उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि दर्शाता है कि पिछले साढ़े-तीन वर्षों के शासन के दौरान हमने निवेशकों का विश्वास अर्जित करने में सफलता पाई है. इससे शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती मिलेगी, साथ ही यह राज्य में उद्योगों के संचालन के माहौल में सुधार तथा राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर निवेशकों के भरोसे का प्रतीक है.

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