लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मुहिम ने अपना रंग दिखाया है और यूपी पहली बार डिजिटल लेन-देन में नंबर वन स्थान पर काबिज हुआ है. यूपी में पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 126 प्रतिशत अधिक डिजिटल लेन-देन हुआ है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में बैंकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए थे. उन्होंने लोगों से भी अपील की थी कि जमाना तकनीकी का है, काम में तेजी और पारदर्शिता के लिए लोग तकनीक को जानें और इसका उपयोग करें.
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश में लोगों के हित में जो काम हमने किए, वह तकनीक से ही संभव हो सके. सीएम की अपील का असर भी दिखने लगा है. प्रदेश में सितंबर तक एक अरब 76 करोड़ 46 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में किए गए कुल ट्रांजेक्शन 77 करोड़ 93 लाख रुपये की तुलना में 98 करोड़ 53 लाख अधिक है.
राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में लोगों ने सबसे अधिक 60 करोड़ 31 लाख रुपये का पेमेंट यूपीआई से किया गया है. इसके बाद 47 करोड़ 79 लाख रुपये का पेमेंट लोगों ने डेबिट कार्ड से किया है. ऐसे ही 20 करोड़ 43 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन नेट से किया गया है और अन्य माध्यमों से 16 करोड़ 36 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है. इसके अलावा एनईएफटी से 11 करोड़ 47 लाख रुपये का पेमेंट किया गया है. क्रेडिट कार्ड के माध्यम से छह करोड़ 90 लाख, आईएमपीएस से छह करोड़ 61 लाख, आधार से छह करोड़ 59 लाख रुपये का पेमेंट किया गया है.
भारतीय स्टेट बैंक ने सिद्धार्थनगर और फिरोजाबाद जिले को डिजिटल जिले के रूप में चिह्न्ति किया है, जिसका उद्देश्य जिले में डिजिटल पेमेंट के ईको सिस्टम का विस्तार और सुदृढ़ करते हुए इन दोनों जिलों में एक साल के अंदर पूर्ण रूप से त्वरित और सुविधाजनक तरीके से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है. सिद्धार्थनगर जिले को भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षात्मक जिलों में से एक है. आरबीआई ने इसके लिए 31 मार्च 2021 की डेड लाइन तय की है.