नई दिल्ली। एक से बढ़कर एक धुरन्धरों से सजी भारतीय क्रिकेट टीम को महज 36 रन पर समेट करारी शिकस्त देने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पर उस जीत का खुमार कुछ इस कदर हावी हुआ कि अगले ही टेस्ट में वो कई धुरन्धरों की गैरमौजूदगी वाली भारतीय टीम के आगे धराशाई हो गई। वहीं पहले ही टेस्ट में मिली करारी हार के बाद बड़े ही सधे अंदाज में पलटवार करते हुए भारतीय टीम ने अंजिक्य रहाणे की कप्तानी में कंगारूओं का बखूबी शिकार करते हुए आठ विकेट से जीत हासिल कर काफी हद तक पिछली हार के जख्मों पर ठंडक पहुचाने वाला मरहम लगा दिया।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने एडिलेड में मिली करारी हार का बदला लेते हुए मेलबर्न टेस्ट के चौथे दिन मंगलवार को खेल के हर विभाग में ऑस्ट्रेलिया को पीटते हुए आठ विकेट से जीत के साथ चार मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। लंच के समय ऑस्ट्रेलिया को 200 रन पर ऑलआउट करने के बाद भारत को मात्र 70 रन का लक्ष्य मिला जिसे उसने दो विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 195 रन पर आउट करने के बाद भारत ने 326 रन बनाए थे। एडिलेड में अपने न्यूनतम टेस्ट स्कोर 36 रन पर आउट होने से मिले जख्मों पर इस जीत से निश्चित तौर पर मरहम लगेगा।
इसके साथ ही अपने नियमित कप्तान और आईसीसी के दशक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर विराट कोहली की गैर मौजूदगी में मिली इस जीत में अजिंक्य रहाणे ने अपनी कुशल कप्तानी का लोहा मनवाने के साथ पहली पारी में शतक भी ठोका। रहाणे की कप्तानी में भारत ने अब तक खेले तीनों टेस्ट में जीत दर्ज की है जिनमें दो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और एक जीत अफगानिस्तान के खिलाफ मिली है। छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने दूसरी पारी में मयंक अग्रवाल (पांच) और चेतेश्वर पुजारा (तीन) के विकेट गंवा दिए। इसके बाद हालांकि शुभमन गिल (36 गेंद में 35 रन) और रहाणे (40 गेंद में 27 रन) ने टीम को जीत तक पहुंचाया। इस हार के बाद कंगारू टीम पर आईसीसी ने स्लो ओवर रेट के लिए 40% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के प्वॉइंट टेबल में भी टीम के चार प्वॉइंट काटे गए हैं।
ज्ञात हो कि एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम अपने टेस्ट के न्यूनतम स्कोर पर सिमट गई थी। महज 36 रन पर भारतीय पारी निपटने के बाद दुनियाभर के दिग्गजों ने श्रृंखला में टीम इंडिया के 0-4 से हारने की भविष्यवाणी की थी। नियमित कप्तान कोहली, मोहम्मद शमी सरीखे खिलाड़ियों के बिना बॉक्सिंग-डे टेस्ट में नए कप्तान के साथ भारत काफी कमजोर लग रहा था लेकिन इसके साथ ही उस हार के बाद भारतीय टीम न सिर्फ काफी सजग रही बल्कि टीम बेहद ही सधी और कुशल रणनीति के सार्थक भी रहा।
जबकि वहीं पिछली जबर्दस्त जीत की खुमारी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर इस कदर हावी हुई कि मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के न तो बल्लेबाज रंग में नजर आए और न ही गेंदबाजी में वह पुरानी धार दिखी। इतना ही नही ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षण भी पूरी तरह से फेल नजर आया क्योंकि 11 खिलाड़ियों ने दो पारी में कुल आठ कैच भी टपकाए । ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट में 195 और 200 रन बनाए, उसका कोई बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना सका। हार के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा कि उनकी टीम को बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की जरूरत नहीं है, लेकिन शीर्ष क्रम को बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
पेन ने स्वीकार किया कि खराब बल्लेबाजी और लचर क्षेत्ररक्षरण टीम की हार के कारण रहे। उन्होंने कहा, ‘कम स्कोर एक कारण था और हमने कैच भी टपकाए। क्षेत्ररक्षण खराब था।’ ऑस्ट्रेलिया ने अजिंक्य रहाणे को भी जीवनदान दिया, जिन्होंने शतक जमाया। दूसरी पारी में भी रहाणे को मिचेल स्टार्क ने जीवनदान दिया। पेन ने इस बात से इनकार किया कि एडिलेड में मिली जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने तैयारी में कोताही बरती।