लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामों की चर्चा अब विदेशों में भी हो रही है. कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री के प्रभावी कदम पर टाइम मैगजीन ने तीन पन्नों का एक लेख छापा है, जिसमें उनकी जमकर तारीफ़ की गई है. लेख में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह से कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाया है, उसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी किया है. इतना ही नहीं कोरोना महामारी के नियंत्रण की यूपी मॉडल की चर्चा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है.
लेख में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य ढांचे की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जिस तरह से कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए वह सभी के लिए अतुलनीय उदहारण है. आर्टिकल में लिखा है कि फरवरी में पहला मामला सामने आने के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का आंकलन किया और जरूरी कदम उठाने की रणनीति बनाई. जब देश के अन्य राज्यों की सरकारें कोई भी कदम नहीं उठा रही थीं, उसी वक्त मुख्यमंत्री योगी ने लड़ाई का पूरा खाका तैयार कर लिया.
सबसे ज्यादा टेस्टिंग – लेख में लिखा गया है कि 22 मार्च तक जब माहमारी फैलने लगी उस वक्त राज्य में एक ही टेस्टिंग लैब था, जिसकी क्षमता महज 60 सैंपल प्रतिदिन की थी. लेकिन, अपने सभी रिसोर्स का अधिकतम उपयोग करते हुए मुख्यमंत्री की देखरेख में 234 टेस्टिंग लैब है, जहां रोजाना 1.75 लाख टेस्ट हो रहे हैं. इतना ही नहीं सर्वाधिक कोरोना टेस्ट का रिकॉर्ड भी यूपी के नाम ही है. अब तक करीब 1.9 करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं.
टीम-11 का भी जिक्र – लेख में मुख्यमंत्री के टीम-11 का भी जिक्र किया गया है. टाइम मैगजीन लिखता है कि देश में लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही मुख्यमंत्री ने तीन दिन का लॉकडाउन लगाकर स्थियों का आंकलन कर लिया था, ताकि लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बाधित न हो.
उत्तर प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल- लेख में यह भी कहा गया है कि जब मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो उस वक्त राज्य में एक भी कोविड हॉस्पिटल नहीं था. यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन अपनी कुशल रणनीति की वजह से आज प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल हैं,