लखनऊ. योगी सरकार उत्तर प्रदेश में देश का पहला वर्चुअल एग्जीविशन मॉल खोलने की योजना पर काम कर रही है. यह मॉल ऑनलाइन कारोबार का ऐसा फोरम होगा जहां पर क्रेता-विक्रेता अपनी सुविधा के मुताबिक किसी भी समय उत्पादों की खरीद-बिक्री कर सकेंगे.
इस एग्जीविशन में ओडीओपी, एमएसएमई, खादी ग्रामोद्योग और राज्य के अन्य लोकप्रिय हस्तशिल्प एवं उत्पाद बिक्री के लिए प्रदर्शित किए जा सकेंगे. बीते महीनों में समय-समय पर कारोबारी सुगमता के लिए आयोजित वर्चुअल एग्जीविशन, वर्चुअल सेमिनार, लोन मेला आदि को मिली सफलता के बाद ऑनलाइन कारोबार के लिए एक स्थाई प्लेटफार्म बनाने की दिशा में यह पहल शुरू की गई है.
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी ग्रामोद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के अनुसार इस ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एक बार में कम से कम 500 स्टॉल के प्रदर्शन का प्रबंध किया जाएगा. क्रेता और विक्रेता ऑनलाइन संवाद भी स्थापित कर सकेंगे. इस मॉल में स्टॉलों के आवंटन में चक्रीय व्यवस्था लागू की जाएगी.
उन्होंने बताया कि स्टॉलों का आवंटन शिल्पकार, कारीगर, उत्पादक या निर्यातक को एक तय समय सीमा के लिए किया जाएगा. अवधि समाप्त होने पर दूसरों को मौका दिया जाएगा. सिद्धार्थ नाथ सिंह के अनुसार इस प्लेटफार्म का सबसे अधिक लाभ निर्यातकों को होगा. विदेशी खरीदार आसानी से मॉल के माध्यम से अपने पसंद के उत्पाद का ऑर्डर कर सकेंगे.
एमएसएमई और खादी ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ नवनीत सहगल ने बताया कि वर्चुअल एग्जीविशन मॉल 3डी तकनीक का होगा. इस प्रदर्शनी में लगने वाले स्टॉलों पर प्रदर्शित उत्पाद खरीदारों को बहुत ही स्पष्ट तरीके से नजर आएंगे.