नई दिल्ली. चार देशों के क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में गठबंधन के नेताओं ने निर्णय किया कि बृहद टीका पहल के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर भारत में भारी निवेश किया जाएगा. इस कदम को टीके आपूर्ति के क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से मुकाबले के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ चार देशों के समूह के नेताओं के पहले ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हम एकजुट हैं, हमने सुरक्षित कोविड-19 टीकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण क्वाड भागीदारी शुरू की है.
उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद के लिए भारत की टीका उत्पादन क्षमता को जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से विस्तारित किया जाएगा. सम्मेलन में नेताओं ने सुरक्षित और प्रभावी टीका वितरण के लिए एक टीका विशेषज्ञ कार्य समूह बनाने का फैसला किया.
शिखर बैठक के बारे में विदेश सचिव हर्षवद्र्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं को बताया कि यह निर्णय किया गया कि भारत की निर्माण क्षमता का अमेरिकी टीके के निर्माण के लिए उपयोग किया जाए. उन्होंने कहा कि क्वाड टीका पहल सबसे अधिक जरूरी और मूल्यवान है.
श्रृंगला ने कहा कि आज के संदर्भ में यह सबसे महत्वपूर्ण पहल है. हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देशों को निर्यात के लिए भारत में भारी निवेश पर चर्चा कर रहे है. हम साल 2022 के अंत तक एक अरब खुराक उत्पादन करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्वाड राष्ट्रों ने अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान क्षमता को साझा करने की योजना पर सहमति व्यक्त की.
श्रृंगला ने बताया कि अतिरिक्त क्षमता के निर्माण के लिये वित्त पोषण अमेरिका और जापान से आयेगा जबकि ऑस्ट्रेलिया साजो सामान एवं आपूर्ति को लेकर योगदान करेगा. ऑस्ट्रेलिया उन देशों को वित्तीय मदद करेगा, जिन्हें टीके प्राप्त होंगे.
उन्होंने कहा कि क्वाड टीका पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीकों के विनिर्माण, वितरण में तेजी लाना है. विदेश सचिव ने कहा कि भारत क्वाड टीका पहल का स्वागत करता है, क्योंकि यह हमारी अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मान्यता देता है.