नई दिल्ली. 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने लगे हैं. अभी तक जो रुझान आ रहे हैं इससे साफ है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, असम में सर्बानंद सोनोवाल और केरल में पिनाराई विजयन फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं. वहीं पुडुचेरी में पहली बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है. तमिलनाडु में इस बारएआडीकेएम और बीजेपी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. इस बार चुनाव में यहां डीएमके की सरकार बनना लगभग तय है.
1. पश्चिम बंगाल – तीसरी बार सीएम बनेंगी ममता
पश्चिम बंगाल का चुनाव इस बार काफी रोचक रहा. पहली बार टीएमसी की सीधे बीजेपी से टक्कर हुई. शुरूआती रुझानों में ञ्जरूष्ट की जीत लगभग तय है. अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील हो जाते हैं तो 66 साल की ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. ममता ने 20 मई 2011 को पहली और 27 मई 2016 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अगर सबकुछ रुझानों के अनुसार होता है तो जीत के बाद ममता एक हफ्ते के अंदर ही बंगाल में नई सरकार का गठन भी कर लेंगी.
2. तमिलनाडु – डीएमके की 10 साल बाद वापसी
जयललिता और करुणानिधि के निधन के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में यहां बड़ा उलटफेर होता दिख रहा है. जयललिता की विरासत संभाल रहे ई पलानीसामी की कुर्सी खतरे में दिख रही है. पलानीसामी की पार्टी एआईडीएमके अभी तक के रुझानों में बहुमत के आंकड़ों से काफी पीछे दिख रही है. अगर चुनाव में एआईडीएमके की हार होती है तो इसका निगेटिव असर पार्टी के भविष्य पर भी पड़ सकता है. पार्टी में फिर से टूट के आसार बढ़ गए हैं. जयललिता की बेहद करीबी रहीं शशिकला को पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने से रोका तो उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. इसी तरह सरकार में डिप्टी सीएम रहे पनीरसेल्वम भी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. अब इस बार के चुनाव की हार के बाद फिर से पार्टी में टूट हो सकती है. दूसरी ओर डीएमके और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बननी लगभग तय है. डीएमके की तरफ से एमके स्टालिन पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
3. असम – सोनोवाल पर फिर भरोसा, दूसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री
59 साल के सर्बानंद सोनोवाल पर असम की जनता ने फिर विश्वास जताया है. अभी तक के रुझानों में सोनोवाल लगातार दूसरी बार यहां मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो असम में पहली बार होगा जब एक ही चेहरा दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज होगा. 1946 से शुरू हुई असम की सियासत में अब तक कोई भी ऐसा नहीं रहा है जो दो बार मुख्यमंत्री बना हो. सोनोवाल पहली बार यहां 24 मई 2016 को मुख्यमंत्री बने थे.
4. केरल – लेफ्ट पार्टियों का इकलौता राज्य सुरक्षित, विजयन दूसरी बार होंगे सीएम
लेफ्ट पार्टियों का जनाधार अब केवल केरल में ही बचा है. इसलिए लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएप) के लिए सरकार बचाने की सबसे बड़ी चुनौती थी. यहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के साथ 12 अन्य दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. अभी तक के रुझानों के मुताबिक, रुष्ठस्न जीत हासिल कर रही है. अगर ऐसा होता है तो 77 साल के पिनाराई विजयन लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि लेफ्ट पार्टियां किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने पर भी विचार कर रही हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि विजयन की उम्र ज्यादा हो रही है. दूसरी ओर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का सरकार बनाने का सपना इस बार भी यहां पूरा नहीं हो पाएगा. ये लगातार दूसरी बार है जब कांग्रेस अपनी सरकार यहां नहीं बना पाएगी.
5. पुडुचेरी – पहली बार बीजेपी गठबंधन के साथ बना सकती है सरकार
केंद्र शासित इस छोटे से प्रदेश में पहली बार ऐसे आसार बन रहे हैं जब बीजेपी गठबंधन की सरकार में शामिल हो सकती है. यहां ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस यानी एआईएनआरसी की अगुवाई में पार्टी शुरुआती रुझानों में आगे दिख रहीं हैं. हालांकि, बहुमत के आंकड़ों से अभी 5 सीटें पीछे हैं. अगरयह गठबंधन यहां सरकार बनाने में सफल होती है तो मुख्यमंत्री एआईएनआरसी के अध्यक्ष एन रंगास्वामी ही होंगे. रंगास्वामी दूसरी बार पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.