कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बंगाल के विभिन्न इलाकों में हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद चार सदस्यीय टीम बंगाल भेजी है. यह टीम हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेगी. गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में यह टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपेगी.
बता दें कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद बंगाल के विभिन्न इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट, आगजनी, हत्या और दुष्कर्म की वारदातें हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने हिंसा को लेक राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली थी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी और ममता बनर्जी पर हिंसा को उकसाने और हिंसा की वारदात के समय चुप्पी साधने का आरोप लगाया था. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ ही दिनों पहले बंगाल हिंसा को लेकर राज्य सरकार को एक पत्र लिखा था, लेकिन उसका जवाब नहीं दिया गया है. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को दूसरी बार पत्र लिखते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी की सरकार से पूछा है कि पिछले महीने हुए चुनावों के बाद हिंसा रोकने के उपायों के बारे में अब तक जवाब क्यों नहीं दिया गया है.
बीजेपी का आरोप 20 कार्यकर्ताओं की हुई है हत्या
गृह मंत्रालय द्वारा ये पत्र राज्य सरकार को 05 मई को भेजा गया है, जिस दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं दिये जाने के बाद गृह मंत्रालय ने टीम भेजने का निर्णय किया है. का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में 02 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद से उनके 20 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई हैय बीजेपी ने इन मौत का आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया है. बीजेपी ने अपने मारे गए 9 कार्यकर्ताओं के नामों का ऐलान भी किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग ने भी लिया संज्ञान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बुधवार (05 मई) को पश्चिम बंगाल हो रहे हिंसा पर संज्ञान लिया है. मानवाधिकार निकाय ने अपने उप महानिरीक्षक (जांच) से अनुरोध किया था कि वे बंगाल हिंसा पर रिपोर्ट के लिए एक टीम गठित करेंय टीम को ऑन-द-स्पॉट फैक्ट-फाइंडिंग जांच करने और इसे दो हफ्ते में सबमिट करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरमैन रेखा शर्मा बंगाल में हैं और वह स्थिति का जायजा ले रही हैं.