नई दिल्ली. राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कई कोविड प्रतिबंधों से भारत में करीब 8 करोड़ व्यापारियों को अप्रैल के दौरान 6.25 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है. व्यापारियों के लिए मुख्य संस्था कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने एक बयान में अपने तहत आने वाले 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली 40 हजार से ज्यादा एसोसिएशन से डेटा लिया गया है.
कैट ने कहा कि देश में अप्रैल महीने के लिए कोरोना महामारी की वजह से कारोबार का कुल नुकसान करीब 6.25 लाख करोड़ रुपये का है. सरकार को कुल 75 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसी भरतिया और सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक कुल 6.25 लाख करोड़ रुपये के कारोबारी नुकसान में से, रिटेल कारोबार को करीब 4.25 लाख करोड़ के कारोबार के नुकसान का अनुमान है, जबकि होलसेल कारोबार को करीब दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है
कैट ने कहा कि निश्चित ही कारोबार को नुकसान के आंकड़े केवल ज्यादा नहीं, बल्कि यह कारोबार की बड़ी तबाही के बारे में बात करते हैं, लेकिन कोविड के कारण मौतों की संख्या को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
कन्फेडरेशन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे संवाद में महामारी को काबू में करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अपील की. उसने तीसरी लहर से निपटने के लिए एक बाल चिकित्सकों की टास्क फोर्स के गठन की प्रार्थना की है, जिसमें बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं.
फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, जो देश में करीब 4 करोड़ सूक्ष्म, छोटे और मध्य व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करती है, ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को पिछले साल बताया था कि लॉकडाउन प्रतिबंधों से छोटे व्यापारियों की मासिक कमाई में कम से कम करीब 40 फीसदी की कमी आ सकती है. एफआरएआई के सेक्रेटरी जनरल विनायक कुमार ने कहा था कि इसका असर विशेषकर गैर-जरूरी श्रेणी पर पड़ेगा, जबकि किराना स्टोर को पिछले साल की तरह कुछ राहत मिल सकती है.