नई दिल्ली.केंद्र सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया के बार में अहम जानकारी दी है. केंद्र सरकार ने कहा है कि कम से कम एक हफ्ते तक पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम हो और कुल आबादी के करीब 70 फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका हो. इसके साथ ही कोविड प्रोटोकॉल्स का भी सख्ती से पालन किया जाए. इसके बाद ही जिलों में अधिकतर पाबंदियों में छूट दी जाए.
ICMR के महानिदेशक और भारत के कोविड -19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि ‘प्रतिबंधों से धीरे-धीरे छूट दिये जाने से मामलों में तेजी नहीं आएगी. जिलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाये.’
भार्गव ने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के मामले में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों को थोड़ा खोलना चाहिए. उन्हें बहुत धीरे-धीरे खोलना चाहिए. जिलों में पाबंदियों में ढील दिए जाने के बारे में भार्गव ने कहा कि ऐसे जिलों में एक हफ्ते तक संक्रमण दर पांच फीसदी से कम होनी चाहिए, 70 फीसदी से अधिक पात्र आबादी का टीकाकरण हो जाना चाहिए और कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता होनी चाहिए.’
344 जिलों में संक्रमण दर 5 फीसदी से कमभार्गव का बयान स्वास्थ्य मंत्रालय के दावे के बाद आया है, जिसमें कहा गया कि पिछले हफ्ते 344 जिलों में संक्रमण दर पांच फीसदी से कम रही है और 30 राज्यों में कोरोना वायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आई है.
भार्गव ने कहा, ‘हम कोरोना की घातक दूसरी लहर के बीच में हैं, हालांकि यह अब खत्म हो रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल के पहले सप्ताह में हमारे पास 200 से भी कम जिले थे, जिनमें 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर था. अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 600 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट था. आज देश में 239 जिले हैं जिनमें 10 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर रेट है. 145 जिलों में 5 फीसदी से 10 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है और 350 जिलों में 5 प्रतिशत से भी कम संक्रमण दर है. इसलिए हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’