जम्मू. जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर बीते रविवार को हुए विस्फोट मामले की जांच अब एनआईए करेगी. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सोमवार को यह जांच NIA को सौंपने का फैसला लिया है. जांच में पाया गया है कि विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है. इस हमले में दो लोग घायल हो गए थे. कहा जा रहा है कि विस्फोट के चलते कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन यह इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी हानि पहुंचा सकता था.
जांचकर्ता इस संभावना की तलाश कर रहे थे कि ड्रोन जम्मू के आसपास के इलाकों से लॉन्च किए गए थे. फिलहाल भारतीय वायुसेना सावधानी बरत रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हों. साथ ही सभी स्टेशन्स पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. रविवार सुबह हुए दो धमाकों में एक ने छत को थोड़ा नुकसान पहुंचाया था. जबकि, दूसरा खुले इलाके में गिरा था.
इस घटना के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस संगठन को किसी अन्य संस्था से भी समर्थन मिलने की संभवना है, क्योंकि ऐसा हमला ‘पाकिस्तानी सेना या ISI की सक्रियता के बगैर नहीं हो सकता.’ रविवार को ये धमाके सुबह 1:40 पर 6 मिनट के अंतर से हुए.
सूत्रों ने जानकारी दी कि विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था. उन्होंने बताया कि सैंपल आगे टेस्ट के लिए भेजे गए हैं और हर IED डिवाइस में करीब 1.5 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ है. जम्मू और कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सदस्य 6 किग्रा IED के साथ गिरफ्तार हुआ है. उन्होंने कहा है कि ड्रोन हमले की जांच के दौरान हुई इस गिरफ्तार से ही एक और बड़ा हमला टल गया है.