लखनऊ- भारतीय संविधान शिल्पी भारत रत्न बाबा साहब डा0 भीमराव आंबेडकर की स्मृति में भारत रत्न डा0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी के कर-कमलों द्वारा माननीय राज्यपाल, उ0प्र0 एवं माननीय मुख्यमंत्री, उ0प्र0 की गरिमामयी उपस्थिति में मुख्य सभागार, लोक भवन, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, डा0 नीलकंठ तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित किये जाने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को डा0 आंबेडकर के आदर्शों से परिचित कराना है। इस सांस्कृतिक केन्द्र में प्रवेश द्वार के सामने डा0 भीमराव आंबेडकर जी की 25 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना के साथ ही बाबा साहब की पवित्र अस्थियों का कलश भी दर्शनार्थ रखा जायेगा। इस सांस्कृतिक केन्द्र में पुस्तकालय, शोध केन्द्र, अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, आभासी संग्रहालय, डोरमेट्री, कैफेटेरिया एवं अन्य सुविधाएं भी विकसित की जायेंगी।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग, उ0प्र0 द्वारा शंख वादन एवं स्वस्ति वाचन एवं संगायनपरित पाठ के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये गये। माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा उक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अत्यन्त सराहा गया और उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सम्पूर्ण सभागार के माहौल को आध्यात्मिक वातावरण में बदल दिया। उन्होंने कहा कि बौद्ध भिक्षुओं द्वारा संगायन/परित पाठ में भिक्षु गणों द्वारा बार-बार प्रयोग किया जाने वाला शब्द ’’भवतु सब्ब मंगलम’’ का अर्थ होता है ‘सबकी भलाई’। लोकतंत्र में सरकार का यह दायित्व होना चाहिए कि ‘भवतु सब्ब मंगलम’ का अनुपालन करे। वर्तमान सरकार ‘भवतु सब्ब मंगलम’ के पाठ को साकार कर रही है।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा भारत के माननीय राष्ट्रपति के स्वागत में उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी करायी गयीं जिनमें धोबिया, फरूवाई, राई, ढिंढिया, मयूर, बम रसिया आदि लोकनृत्य प्रमुख थे।