लखनऊ: 29 जून, 2021
आईआईए द्वारा आज दिनांक 29 जून 2021 को फैसिलिटेशन काउंसिल की बैठक का आयोजन नवनीत सहगल अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई, उत्तर प्रदेश सरकार की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गयी। बैठक में गोविन्दराजू, डायरेक्टर इंडस्ट्रीज, सर्वेश्वर शुक्ला जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज भी फैसिलिटेशन काउंसिल के क्रियान्वयन पर चर्चा तथा 18 कमिश्नरेट के जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज व आईआईए के फैसिलिटेशन काउंसिल के नामित प्रतिनिधि के अतिरिक्त आईआईए के अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य सम्मिलित हुए।
इस वर्चुअल बैठक का प्रारंभ पंकज कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया गया। आईआईए एवं शासन के प्रयास के फलस्वरूप फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन माह सितम्बर 2020 में किया गया। वर्तमान में कई कमिश्नरेट में फैसिलिटेशन काउंसिल का सञ्चालन प्रारभ हो चुका है परन्तु कुछ जगहों पर अभी भी इसका संचालन होना शेष है। इस सम्बन्ध में सर्वेश्वर शुक्ला द्वारा बताया गया कि कोविड पारिस्थितियों के कारणों सञ्चालन में विलम्ब हुआ है, लेकिन अब इसे सुचारू रूप से प्रारंभ कर दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई द्वारा प्रदेश में डैडम् इकाइयों को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए माननीय मुख्य मंत्री जी की मंशा से सबको अवगत कराया। फैसिलिटेशन काउंसिल के सफल क्रियान्वयन के सम्बन्ध में सबको आश्वस्त किया तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हो, उसे संकलित करके शासन के संज्ञान में लाया जाये। इससे फैसिलिटेशन काउंसिल की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। उन्होंने आईआईए एवं लघु उद्योग भारती को यह आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार उद्यमियों को सहूलियत देने के लिए कृतसंकल्प है। जंहाँ तक फैसिलिटेशन काउंसिल का प्रश्न है इसके सञ्चालन में यदि कोई समस्या आती है, तो उसे शासन के संज्ञान में लाया जाये जिससे कि समस्या का समाधान शीघ्रता से संभव हो सके।
सर्वेश्वर शुक्ला द्वारा डैडम् ।बज के प्राविधानो एवं निवेश मित्र में आवेदन करने के लिए अधिक से अधिक उद्यमियों का अहवाहन किया गया। उनके द्वारा फैसिलिटेशन काउंसिल के नियमावली के बनाये जाने एवं शासन से स्वीकृति होने के बारे में सूचित किया गया। इससे पूरे प्रदेश में फैसिलिटेशन काउंसिल के क्रियान्वयन में एकरूपता रहेगी। फैसिलिटेशन काउंसिल में फीस के संबध में व्यापक चर्चा की गयी, जिसमे कई नामित सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा बदलाव के सुझाव दिए गये। अंततः सर्वेश्वर शुक्ला द्वारा आईआईए से लिखित सुझाव मांगे गये है जिसका समावेश करते हुए अंतिम रूप से नियमवाली में सम्मिलित कराए जाने के बारे में बताया गया। सर्वेश्वर शुक्ला ने आगे अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों को यह अवगत कराया कि, फैसिलिटेशन काउंसिल में केस की सुनवाई में अवार्ड मिलने पर इसकी वसूली के लिए फैसिलिटेशन काउंसिल के स्तर पर भी त्ब् जारी करने का प्रावधान है। साथ ही साथ सभी मंडलीय जॉइंट कमिश्नरों को यह सूचित किया कि, फैसिलिटेशन काउंसिल एक अर्धन्यायिक संस्था है जिसकी कार्यप्रणाली के लिए नियम व एक्ट के अनुसार प्राविधान किये गये हैं। नियम विरुद्ध कोई भी कार्य न किया जाये और फैसिलिटेशन काउंसिल की नियमित बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाये।
प्रतिभागी सदस्यों द्वारा काउंसिल की बैठक को एक निश्चित तिथि पर कराये जाने का सुझाव प्राप्त हुआ, जिसके सम्बन्ध में जॉइंट कमिश्नर सर्वेश्वर शुक्ला द्वारा बताया गया कि इसे नोट कर लिया गया है, इसको नियमवाली में उचित प्रकार से समाविष्ट किया जायेगा। अन्य सुझावों में सदस्यों द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन केस फाईलिंग में समस्या आ रही है तथा पोर्टल उसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है। इस सम्बन्ध में बताया गया कि यदि ऐसी कोई समस्या है तो सम्बंधित मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल में ऑफ लाइन सारे रिकॉर्ड प्रस्तुत किया जाये, वंहा से ये ऑनलाइन कर दिया जायेगा। एक काउंसिल से दूसरे काउंसिल को केस ट्रान्सफर करने के सम्बन्ध में सुझाव प्राप्त हुए, जिसे नोट करते हुए यह बताया गया कि जिस मंडलीय काउंसिल की भौगोलिक सीमा में इंडस्ट्री आती है वंहा पर केस को ट्रान्सफर किया जा सकता है।
अंत में आईआईए के पूर्व अध्यक्ष संजय कौल द्वारा परिचर्चा में आये समस्त बिन्दुओ को समाहित करते हुए फीस स्ट्रक्चर, नियमवाली एवं कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में सदन को अवगत कराया गया तथा बताया कि फैसिलिटेशन काउंसिल एक केंद्रीय कानूनों के अधीन बनायीं गयी है, जिसमे आर्बिट्रेशन एक्ट, लिमिटेशन एक्ट आदि केन्द्रीय कानूनों के प्राविधान लागू होते है अतः नियमावली बनाने से पूर्व इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखना आवश्यक होगा। सर्वेश्वर शुक्ला ने संजय कौल के द्वारा दिए गये सुझावों को नोट करते हुए इस पर उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वाशन दिया गया।
परिचर्चा के दौरान यह अलोक अग्रवाल मंडलीय सचिव आईआईए को कानपुर स्टेट फैसिलिटेशन काउंसिल में आज की बैठक में उजागर हुए सभी बिन्दुओ पर परिचर्चा हेतु आमंत्रित किये जाने का तथ्य भी प्रकाश में आया।