भारत की 4×400 मीटर रिले की महिला टीम के टोक्यो ओलिंपिक जाने के मौके पूरी तरह खत्म हो चुके हैं. महिला रिले टीम के क्वालिफाई करने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. यह सबसे बड़ा झटका है भारत की हिमा दास के लिए जिनका अब किसी भी इवेंट के लिए क्वालिफाई करने का मौका हाथ से निकल गया है.
अर्चना सुसींद्रन, हिमा दास, एस धनलक्ष्मी और दुती चंद की महिलाओं की 4×400 मीटर रिले टीम को क्वालिफाई करने का दावेदार माना जा रहा था. उम्मीद की जा रही थी कि अगर टीम सीधे एंट्री नहीं पाती है तो वह ‘रोड टू टोक्यो’ रैंकिग की तर्ज पर टोक्यो ओलिंपिक का टिकट कटा सकती है.
इंडियन ग्रां प्री में महिला रिले टीम राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के बाद भी टीम ओलिंपिक क्वालीफिकेशन मार्क को हासिल नहीं कर सकीं थी. हिमा दास, दुती चंद, एस धनलक्ष्मी और अर्चना सुसींद्रन ने 43.37 सेकेंड के साथ भारत ‘बी’ (48.02 सेकेंड) टीम को पछाड़ते हुए दौड़ अपने नाम की. इसके बाद टीम को रोड टू टोक्यो की रैंकिंग का इंतजार था लेकिन यहां भी बहामास बाजी मार गया. उन्होंने भारतीय टीम से 0.02 सेकंड कम समय निकालकर क्वालिफाई किया और भारतीय टीम खाली हाथ रह गई.
हिमा दास का सपना टूटा
हिमा दास का टोक्यो ओलिंपिक से बाहर रहना तय है. शनिवार को वह सौ मीटर की हीट में भाग लेते समय हैमस्ट्रिंग चोटका शिकार हो गई, इसके अलावा महिलाओं की चार गुणा साौ मीटर रिले टीम भी क्वालीफाई नहीं कर सकी जिसका वह हिस्सा है. हिमा ने 200 मीटर फाइनल के जरिए भी क्वालीफाई करने की कोशिश की लेकिन पांचवें स्थान पर ही.