नई दिल्ली। देश के सबसे अहम बड़े और अहम सूबे उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षी चुनाव में हालंकि वैसे तो भाजपा की तमाम विरोधी पार्टियां ही बंरी तरह से मुह की खाई हैं लेकिन उनमें से कभी अपने वक्त के दौरान अर्श पर रहीं पार्टियां कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर से न सिर्फ बुरी तरह से शिकस्त पाई हैं बल्कि बुरी तरह से तिलमिलाई हैं जिसकी बलिहारी है कि दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर ही अपनी खीझ उतारी हे। जी जहां कांग्रेस ने एक बार फिस बसपा को भाजपा की ‘बी’ पार्टी बताया तो वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी बखूबी कांग्रेस को आइना दिखाया और कहा कि कांग्रेस के ‘सी’ का मतलब है कनिंग अर्थात कांग्रेस को कनिंग पार्टी बताया है।
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस द्वारा बहुजन समाज पार्टी को भाजपा की बी टीम बताने पर तगड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘सी’ का मतलब कनिंग पार्टी है। कांग्रेस ने बहुजन समाज के वोट लेकर लंबे समय तक सत्ता कायम रखी और एससी एसटी, ओबीसी, धार्मिक अल्पसंख्यक व अन्य उपेक्षित वर्ग के लोगों को गुलाम बनाकर रखा है। उन्होंने कहा कि बसपा के ‘बी’ का मतलब बहुजन है जिसके जिसमें एससी एसटी, ओबीसी, धार्मिक अल्पसंख्यक व अन्य उपेक्षित वर्ग के लोग आते हैं। मायावती ने कहा कि यह सर्वविदित है कि यूपी में कांग्रेस, सपा व भाजपा की सरकार के चलते यहां कोई भी छोटा बड़ा चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कभी नहीं हो सकता और ना ही इनसे किसी को कोई उम्मीद करनी चाहिए। जबकि बसपा की सरकार के समय यहां सभी छोटे-बड़े चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराए गए।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी में भी ऑक्सीजन पर चल रही कांग्रेस का यह कहना कि बीएसपी के ‘बी‘ का मतलब ’बीजेपी’ है, घोर आपत्तिजनक है जबकि बीएसपी के ‘बी‘ का अर्थ बहुजन है, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी है। इसमें धार्मिक अल्पसंख्यक व अन्य उपेक्षित वर्ग के लोग आते हैं, जिनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से वे बहुजन कहलाते हैं। जबकि कांग्रेस के ‘सी‘ का मतलब वास्तव में ’कनिंग’ पार्टी है जिसने केन्द्र व राज्यों में अपने लम्बे शासनकाल में बहुजन के वोटों से अपनी सरकार बनाने के बावजूद इन्हें लाचार व गुलाम बनाकर रखा और अन्ततः बसपा बनाई गई और तब उस समय बीजेपी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में कहीं नहीं थी।