- सीवी रमन और जगदीशचंद्र बोस की उपलब्धियां गिनाई
- कहा कि सुरक्षा से ना करो मस्ती, जिंदगी होगी सुरक्षित
- गोबर और कचरे को आय का स्त्रोत भी बनाएं
- महिलाओं की भागीदारी हम सबकी जिम्मेदारी
नई दिल्ली। आज महान भौतिक शास्त्री और भारत रत्न सर सी.वी. रमन को याद करते हुए पीएम मोदी ने मन की बात के 41वां संस्करण में जनता को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों को याद करते हुए मन की बात में भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन और जगदीशचंद्र बोस की उपलब्धियां गिनाई।
उन्होंने कहा, ‘मुझे विज्ञान को लेकर कई साथियों ने प्रश्न पूछे हैं। कभी हमने सोचा है कि पानी रंगीन क्यों हो जाता है? इसी प्रश्न ने भारत के एक महान वैज्ञानिक को जन्म दिया। डॉ. सीवी रमन प्रकाश को प्रकीर्णन (स्कैटरिंग) के लिए नोबेल प्राइज दिया गया। 28 फरवरी को ही उन्होंने ये खोज की थी। इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।’
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर लोगों की बधाई देने के साथ दुर्घटनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि सुरक्षा से ना करो मस्ती, जिंदगी होगी सुरक्षित। पीएम ने कहा 4 मार्च को नेशनल सेफ्टी डे है। उन्होंने कहा कि गलती ना करने पर दुर्घटना कम हो सकती हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं गलतियों के कारण ही होती है। NDMA की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपादा से लड़ने के लिए NDMA हमेशा तैयार है। NDMA लोगों को ट्रेनिंग दे रहा है। आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। थॉमस एडिसन ने अपनी असफताओं को अपनी शक्ति बनाया।
पीएम ने कहा कि पशुओं के अपशिष्ट के इस्तेमाल की योजना को गोबरधन योजना नाम मिला। गोबर और कचरे को आय का स्त्रोत भी बनाएं। किसानों को गोबर की ब्रिक्री का सही दाम मिलेगा। गोबरधन योजना के ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म बनेगा। रायपुर में पहले कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया। कचरा प्रबंधन को ध्यान में रखकर कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया था। स्वच्छता की थीम के ऊपर कई जिलों में महोत्सव का आयोजन किया गया था। महोत्सव का मकसद कचरे का सही ढंग से इस्तेमाल करना था।
नारियों ने अपने आत्मबल से खुद को आत्मनिर्भर बनाया। पहले पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी। नारी का समग्र विकास, सशक्त नारी ही न्यू इंडिया है। आर्थिक समाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हम सबकी जिम्मेदारी। 15 लाख महिलाओं ने एक महीने का स्वचछ्ता अभियान चलाया।
पीएम मोदी ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जीवन को और आसान बना रहा है। अब न बोलने वाला शख्स भी बोल सकता है। कोई भी मशीन वैसा ही काम करेगी जैसा हम चाहेंगे। लेकिन हमें ये तय करना है कि हम उनसे कैसा काम लेते हैं।
बता दें कि मन की बात का रेडियो के अलावा सभी न्यूज चैनल पर इसका प्रसारण किया जाता है। रेडियो के अन्य स्टेशनों पर इसका स्थानीय भाषाओं में प्रसारण किया जाता है, जिसे पीएम की बातों को सारी जनता आसानी से समझ सके। कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है। प्रधानमंत्री कार्यालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा दूरदर्शन समाचार के यू-ट्यूब चैनलों पर भी यह उपलब्ध होता है।
गौरतलब है कि पीएम के मन की बात में आम जनता भी अपने विचार और सुझावों को साझा करते हैं। देशभर से लोग अपने विचार को पीएम को भेजते हैं। प्रधानमंत्री लोगों से सीधी संवाद स्थापित करते हैं। अपनी आखिरी मन की बात में पीएम ने महिलाओं के मुद्दे को उठाया था इसके साथ पीएम ने क्रिसमस और नए साल के देशवासियों को बधाई दी थी। प्रधानमंत्री ने समाज में नारी के स्थान, योगदान और सम्मान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था हम आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, लेकिन सदियों पहले हमारे शास्त्रों में नारी शक्ति को स्वीकार किया गया है और एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है।