प्रयागराज. उत्तर प्रदेश की महिला शिक्षक अब उन्हें मिलने वाली अन्य छुट्टियों के अलावा हर महीने तीन दिन की पीरियड लीव या मेनस्ट्रुअल लीव की मांग कर रही हैं. उन्होंने बिहार जैसे राज्यों में अपने समकक्षों को दस्तेयाब सहूलत का हवाला दिया है. उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने अपनी मांग यूपी महिला आयोग की सदस्य अनामिका चौधरी को सौंप दी है और अब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से संपर्क करने की योजना है. अनामिका चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मांग से रूबरू कराने का वादा किया है. उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में भारतीय खाद्य वितरण सेवा जोमैटो ने औरत मुलाजिमों को हर साल 10 दिनों तक पीरियड लीव देने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की सभी इकाइयां अपने-अपने जिलों में चुने हुए विधायकों और मंत्रियों को मेमोरेंडम सौंप रही हैं. संघ की प्रयागराज इकाई की वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूनम गुप्ता ने कहा है कि आजमगढ़, बरेली या लखनऊ, हर विधायक और मंत्री को हमारी मांगों से अवगत कराने का मंसूबा है. प्रयागराज में, हम डिप्टी सीएम को एक ज्ञापन सौंपने की योजना बना रहे हैं.
महिला असातजा ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि मासिक धर्म वाली औरतों को दर्द और ब्लिडिंग का अनुभव होता है, जो उनकी दिमागी और जिस्मानी हालत दोनों को मुतासिर करता है. संघ की प्रयागराज इकाई की वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूनम गुप्ता ने कहा कि बिहार सरकार पिछले 30 साल से औरत मुलाजिमों को यह छुट्टी दे रही है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यूपी सरकार महिला टीचर्स और मुलाजिमों के लिए प्रति माह तीन दिन का अवकाश भी बढ़ाए.
पूनम गुप्ता ने कहा कि कई निजी कंपनियां भारत में भी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव लेने का विकल्प देती हैं. यह ज्यादातर जगहों पर एक वैकल्पिक छुट्टी है और शायद ही कोई इसका दुरुपयोग करता है. आज, महिला शिक्षकों को सबसे ज्यादा काम पर आना पड़ता है. छुट्टी उनके दर्द और परेशानी को दूर नहीं कर सकती है, लेकिन यह उन्हें उन दिनों में छुट्टी दे सकती है जब वे सबसे ज्यादा असहज होती हैं.