विपक्ष ने इन इनकम टैक्स छापों की कड़ी आलोचना की है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने की कोशिश है. उनका संदेश साफ है- वे बीजेपी के खिलाफ बोलने वालों को बख्शना नहीं चाहते. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘पत्रकारिता पर मोदीशाह का प्रहार! मोदी शाह का एक मात्र हथियार IT, ED और CBI!मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं.’
इन छापों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या सीबीडीटी की ओर से कोई बयान नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारियों ने भोपाल में दैनिक भास्कर के दफ्तरों और प्रमोटरों के घरों पर भी छापे मारे. अधिकारी सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश की पुलिस की सुरक्षा में छापे की कार्रवाई करते देखे गए. दैनिक भास्कर ने बाद में एक मैसेज पोस्ट कर कहा कि इसके दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर आयकर के रेड डाले गए. दैनिक भास्कर ने अपने ट्वीट में लिखा है- “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश.”
दैनिक भास्कर ने कहा कि कई कर्मचारियों के घरों पर भी छापे मारे गए. दफ्तरों में काम कर रहे लोगों के मोबाइल फोन ले लिए गए और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया. नाइट शिफ्ट में काम कर रही डिजिटल टीम को रात साढ़े बारह बजे जाने के लिए कह दिया गया. यूपी स्थित भारत समाचार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि इसके एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह और कुछ कर्मचारियों के घरों और चैनल के दफ्तर में छापे मारे गए.
राजस्थान के मुख्यंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर इनकम टैक्स रेड मीडिया की आवाज दबाने की खुल्लमखुल्ला कार्रवाई है. मोदी सरकार सच का एक तिनका भी बर्दाश्त नहीं कर सकती. बीजेपी की मानसिकता फासवादी है इसलिए इसे लोकतंत्र में सच बर्दाश्त नहीं है.
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिए मोदी सरकार की ओर से कोरोना के कुप्रबंधन का खुलासा किया था. अब उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. यह अघोषित आपातकाल है, जैसा अरुण शौरी कहते हैं कि यह मोडीफाइड इमरजेंसी है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लिखा – दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है।. उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं.ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है. सभी को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए. ये छापे तुरंत बंद किए जाएं और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए.
दैनिक भास्कर पर छापेमारी की गूंज संसद में भी सुनाई दी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर जोरदार हंगामा किया, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी.पीटीआई के मुताबिक, दैनिक भास्कर पर रेड के खिलाफ संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मीडिया समूह दैनिक भास्कर पर टैक्स छापे और जासूसी विवाद पर जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.