हाथ की उंगलियां का संबंध हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार किसी ना किसी ग्रह से है। इसलिए ग्रह दोष की शांति के लिए ज्योतिषी ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की सलाह देते हैं।
ग्रहों की दशा ठीक रहे इसलिए अंगुलियों में ग्रह से संबंधित विशेष धातु के साथ अंगूठी पहनना अत्यधिक लाभदायक माना गया है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार जिस प्रकार तर्जनी अंगुली का संबंध देवगुरु बृहस्पति से है और मध्यमा अंगुली का संबंध शनि से है। इसलिए शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए मध्यमा अंगुली में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
शायद आप विश्वास नहीं कर सकते हैं कि चांदी का छल्ला व्यक्ति की किस्मत बदल देती है। लेकिन कई ज्योतिषियों का मानना है कि चांदी का छल्ला धन-वैभव की प्राप्ति के लिए खास महत्व रखता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अंगूठे में चांदी का छल्ला पहनना धन लाभ के लिए अत्यंत शुभ होता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अंगूठा शुक्र ग्रह से जुड़ा है। शुक्र ग्रह धन-संपत्ति और ऐश्वर्य के सुविधों के लिए जिम्मेवार होता है। मनुष्य की भौतिक साधनों की पूर्ति के लिए गुरु के अलावा शुक्र का भी विशेष योगदान होता है। शुक्र ग्रह का मित्र ग्रह शनि होता है जो कि धन से जुड़ा है। बुध ग्रह भी शुक्र का मित्र होता है जो कि छटी इन्द्रियों के लिए जिम्मेवार होता है।
इसके अलावे इस ग्रह का मित्र राहु भी होता है जो कि रोग, व्याधि और संमस्या-समाधान के लिए जिम्मेवार होता है। यदि यह तीनों ग्रह खराब स्थिति में हो तो यह बुरा परिणाम ही देता है। शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए दो धातु महत्व रखता है।
चांदी और प्लेटिनम ये दो धातु शुक्र की खराब स्थिति को भी ठीक बनाते हैं। इसलिए जब कभी भी जीवन में बड़ी परेशानी सामने आती है तो इसके लिए चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे अभिषिक्त कर धारण करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। किसी अच्छे जानकार से चांदी या प्लैटिनम का कोई भी सामान्य छल्ला अभिमंत्रित करवा लें और इसे अंगूठे में धारण करें। आप जिस भी क्षेत्र में होंगे वहां आपको सफलता मिलने लगेगी, पारिवारिक जीवन भी खुशहाल रहेगा।