प्रयागराज. यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिशों में जुटी बहुजन समाज पार्टी लगातार प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित कर रही है. इसी क्रम में बीएसपी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा मंगलवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जिले कौशाम्बी में प्रबुद्धजन विचार गोष्ठी को सम्बोधित कर ब्राह्मणों को एकजुट करेंगे. भगवान राम की नगरी अयोध्या से बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की है. लेकिन बसपा के बाद सपा के ब्राह्मणों को रिझाने के लिए 22 अगस्त से शुरु होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर बसपा हमलावर हो गयी है. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने सपा को बसपा का पिछलग्गू करार दिया है.
सतीश चंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में ब्राह्मणों का जमकर उत्पीड़न हुआ, जिसे ब्राह्मण समाज अभी भूला नहीं है. बसपा महासचिव ने कहा कि बसपा अब सपा के काफी आगे निकल चुकी है. उन्होंने कहा कि सपा ने जिस तरह से ब्राह्मणों को सताया था, ब्राह्मण समाज ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने का काम किया. बसपा नेता ने कहा कि सपा सरकार में ब्राह्मणों के साथ दलितों पर भी जमकर अत्याचार हुए थे, लेकिन अब दिखावे के लिए सपा ब्राह्मण सम्मेलन और भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की बात कह रही है.
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज बुद्धिजीवी है, उसे पता है कि किसके साथ जाना है और कहां वोट देना है. वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी बसपा के प्रबुद्धजन सम्मेलनों से अंदर तक पूरी तरह से हिल गयी है. इसलिये बीजेपी भी अब बसपा का नाम ले रही है. बसपा नेता ने दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घटकर सौ के नीचे पचास तक आ जाएगी. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी विकास, कानून व्यवस्था, सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और समतामूलक समाज बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने 2022 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर सूबे में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी दावा किया है.