बेंगलुरु. कर्नाटक में भाजपा को सत्ता दिलाने वाले येदियुरप्पा की कुर्सी जा चुकी है, लेकिन उनके ही करीबी बसवराज बोम्मई अब कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं.
बोम्मई ने अब से कुछ देर पहले सीएम पद की शपथ ली. बोम्मई के साथ में कर्नाटक में तीन उप-मुख्यमंत्री पद भी बनाए गए हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की रेस में मंत्री मुरुगेश निरानी का नाम सबसे आगे चल रहा था. गुह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह मुरुगेश को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने फैसला किया कि लिंगायत समुदाय से ही कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री चुना जाएगा और बसवराज बोम्मई राज्य के अगले सीएम चुने गए हैं.
इससे पहले येदियुरप्पा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था. उन्होंने राज्य में पार्टी की सरकार बनाई थी. इसी का ईनाम उन्हें मिला था. हालांकि, उनका कार्यकाल एक साल का था, पर उन्होंने 2 साल तक काम किया और फिर मुख्यमंत्री बदलने की मांग के बीच इस्तीफा दिया. बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान येदियुरप्पा ने बसवराज के नाम पर प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
ये होंगे तीन डिप्टी सीएम
कर्नाटक में बसवराज के साथ तीन डिप्टी सीएम भी बनाए जाएंगे. डिप्टी सीएम पद के लिए आर अशोक (वोक्कालिगा), गोविंद करजोल (एससी) और श्रीरामालु (एसटी) का नाम लगभग तय हो चुका है. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
धर्मेंद्र प्रधान ने किया बसवराज के नाम का ऐलान
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बसवराज बोम्मई के नाम का ऐलान किया. इस पर बीजेपी नेता के सुधाकर ने कहा कि यह फैसला सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से लिया है. उन्हें पार्टी से ही नहीं, पार्टी के बाहर से भी सम्मान मिलता है. वहीं बसवराज ने कहा कि शपथ ग्रहण को लेकर शीघ्र ही आपको बताऊंगा. मेरे पास प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह और येदियुरप्पा का आशीर्वाद है.
केंद्रीय नेताओं ने बंद कमरे में की बैठक
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी के साथ वरिष्ठ नेता अरुण सिंह और नलिन कतील को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में कर्नाटक भेजा गया था. इन सभी नेताओं ने बेंगलुरु में बीजेपी विधायक दल की बैठक से पहले बंद कमरे में एक बैठक की थी.
बसवराज ने जनता दल से की थी राजनीतिक शुरुआत
1960 में जन्में बसवराज बोम्मई ने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. उनके पिता भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हालांकि 2008 में बसवराज ने जनता दल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली और इसके बाद से पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया. वो पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं. येदियुरप्पा सरकार में भी वह गृह मंत्री थे. बोम्मई पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी. इसके बाद वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रहे.
कर्नाटक में सिर्फ 3 सीएम ही पूरा कर सके कार्यकाल
कर्नाटक में इससे पहले 22 नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन इनमें से 3 ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं. बीएस येदियुरप्पा ने भी चार अलग-अलग कार्यकालों के जरिए कुल 1,901 दिनों तक यह कार्यभार संभाला है. कर्नाटक में अब तक 9 मौकों पर एक साल के अंदर मुख्यमंत्री बदले गए हैं.