देश के सबसे अमीर शख्स और अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 2021 की फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की सूची में 59 स्थान फिसलकर 155वें स्थान पर आ गई है. कोविड-19 महामारी की वजह से आमदनी बुरी तरह प्रभावित होने के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज की रैंकिंग में बड़ी गिरावट आई है. यह 2017 के बाद रिलायंस की सबसे निचली रैंकिंग है.
524 अरब डॉलर के राजस्व के साथ वॉलमार्ट फॉर्च्यून की लिस्ट में पहले स्थान पर बनी हुई है. चीन की स्टेट ग्रिड 384 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं 280 अरब डॉलर के राजस्व के साथ एमेजॉन तीसरे स्थान पर है. चाइना नेशनल पेट्रोलियम चौथे और सिनोपेक ग्रुप पांचवें स्थान पर है.
महामारी की वजह से वैश्विक मांग प्रभावित होने से कच्चे तेल की कीमतों में 2020 की दूसरी तिमाही में गिरावट आई. इससे रिलायंस का राजस्व 25.3 फीसदी घटकर 63 अरब डॉलर रह गया. सूची में शामिल भारत की अन्य पेट्रोलियम कंपनियों की रैंकिंग नीचे आई है.
वहीं, भारतीय स्टेट बैंक 16 स्थान की छलांग के साथ 205 स्थान पर पहुंच गया. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 61 स्थान फिसलकर 212वें स्थान पर आ गई. यह लगातार दूसरा साल है जबकि सूची में एसबीआई की स्थिति सुधरी है. पिछले साल भी एसबीआई की रैकिंग में 15 स्थान का सुधार हुआ था.
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन 53 स्थान फिसलकर 243वें स्थान पर पहुंच गई. राजेश एक्सपोर्ट्स एक अन्य कंपनी है जिसकी रैंकिंग में जबर्दस्त सुधार हुआ है. कंपनी की रैंकिंग में 114 स्थानों का जबर्दस्त सुधार हुआ. अब राजेश एक्सपोर्ट्स सूची में 348वें स्थान पर है. इस सूची में टाटा मोटर्स 20 पायदान फिसलकर 357वें स्थान तथा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) 394वें स्थान पर पहुंच गई. बीपीसीएल पिछले साल 309वें स्थान पर थी.
फॉर्च्यून ने कहा कि कंपनियों को 31 मार्च, 2021 या उससे पहले समाप्त वित्त वर्ष के राजस्व के आधार पर रैंकिंग दी गई है. एसबीआई का राजस्व 52 अरब डॉलर, आईओसी का 50 अरब डॉलर, ओएनजीसी का 46 अरब डॉलर और राजेश एक्सपोर्ट्स का 35 अरब डॉलर रहा. फॉर्च्यून ने कहा कि वॉलमार्ट लगातार आठवें साल शीर्ष पर रही है. 1995 से वह 16वीं बार शीर्ष पर रही है.