लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अभी 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो, लेकिन यूपी की सियासी जमीन पूरी तरह से तैयार हो रही है. खासतौर पर बीजेपी और सपा दोनों ही पार्टियां अभी से बहुत ज्यादा सक्रिय हो चुकी हैं. 5 अगस्त को एक तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जहां अयोध्या में थे तो वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ की सड़कों पर साइकिल चला रहे थे.
अखिलेश यादव ने लगभग 6.5 किलोमीटर साइकिल यात्रा निकाली. समाजवादी चिंतक और सपा के ब्राह्मण चेहरा रहे पंडित जनेश्वर मिश्र की जयंती के मौके पर अखिलेश यादव ने यूपी में सपा की ताकत दिखाने की कोशिश की. अखिलेश यादव ने सुबह 11 बजे लखनऊ में सपा कार्यालय से जनेश्वर मिश्र पार्क तक साइकिल चलाई और जनेश्वर मिश्र की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान अखिलेश यादव ने दावा किया, ‘जनता का माहौल देखकर लगता है कि अब सपा यूपी में 400 सीटें जीतेगी.’
चुनाव के लिए सपा का नया नारा
इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर शब्दों से हमला करते हुए कहा, ‘इन दिनों यूपी अपराध, बेरोजगारी, महंगाई, खराब कानून व्यवस्था और महिला असुरक्षा के मामले में नंबर-1 पर है. आज साइकिल यात्रा में हर वर्ग का समर्थन पूरे यूपी में मिल रहा है और हम 2022 में सपा की सरकार बनाएंगे.’ कुछ लोगों का कहना है कि अखिलेश यादव ने इस साइकिल यात्रा से यूपी में चुनाव का आगाज कर दिया है. सपा ने एक नया नारा भी दिया- ‘यूपी का ये जनादेश, अखिलेश आ रहे हैं. इस थीम पर लखनऊ की सड़कों पर कई पोस्टर भी देखने को मिले.
दरअसल, 2022 के चुनाव से पहले, अखिलेश की यह कोशिश है कि बंगाल की तर्ज पर यूपी में भी यह दिख जाए कि बीजेपी से मुकाबला सिर्फ सपा कर रही है. इसलिए पहले 21 जुलाई को उन्नाव में क्रांति रथ निकाल निषाद वोट बैंक को साधने की कोशिश की, तो आज साइकिल रैली के जरिए जनता के मुद्दे उठाए. शुक्रवार को अखिलेश की यात्रा के प्रमुख मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था, किसानों की परेशानी, महिला असुरक्षा, नौकरी, आजम खान की रिहाई थी. इन्हीं मुद्दों के साथ सपा ने यूपी के सभी 75 जिलों में साइकिल चलाई.