पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू के खेमों बीच मचे घमासान को राज्य प्रभारी हरीश रावत ने फायदेमंद बताया है. उन्होंने कहा है कि दोनों के बीच विवाद से कांग्रेस को राज्य में फायदा होगा. रावत ने कहा- ‘अगर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई विवाद होता है, तो यह कांग्रेस के लिए एक प्लस प्वाइंट होगा.’ रावत ने कहा ‘लोग अपनी बात बलपूर्वक, शक्ति के साथ कहते हैं… लोगों को लगता है कि झगड़ा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. राज्य इकाई के नेता समाधान निकाल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हम कोई समाधान निकाल रहे हैं. यह पंजाब कांग्रेस और उसके नेता खुद समाधान निकाल रहे हैं. मुझे भरोसा है कि एकजुट होकर हम चुनाव जीतेंगे.’
इससे पहले रावत ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की ‘नाराजगी’ से अवगत कराया और कहा कि उन्हें दूर करना सिंह का ‘कर्तव्य’ है. पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी रावत ने सिंह से मोहाली में उनके आवास पर मुलाकात की और पार्टी आलाकमान द्वारा दिए गए 18 सूत्री कार्यक्रम सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया. रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात के एक दिन बाद यह बैठक की. समझा जाता है कि सिद्धू ने अधूरे वादों को लेकर अपनी ‘नाराजगी’ जतायी.
अमरिंदर और सिद्धू के खेमों के बीच जारी खींचतान की पृष्ठभूमि में रावत मंगलवार को चंडीगढ़ आए थे. पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह से मुलाकात के बाद रावत ने विश्वास जताया कि पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर काम करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री के साथ हुयी चर्चा से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अवगत कराएंगे, उन्होंने कहा था, ‘मैं यहां उनका चेहरा हूं और उन्हें रिपोर्ट करूंगा.’