नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति, एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से 15 सितंबर, 2021 को शाम 6 बजे संसद भवन के मुख्य समिति कक्ष में संसद टीवी का शुभारंभ किया.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है. तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनल्स की भूमिका भी तेजी से बदल रही है. 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए रीवोल्यूशन ला रही है. ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें.
संयोग से इस लॉन्च की तारीख लोकतंत्र के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के साथ मेल खाती है. संसद टीवी के बारे में हम आपको कुछ जानकारी देते हैं. इसी साल फरवरी, 2021 में लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी के विलय का निर्णय लिया गया और मार्च, 2021 में संसद टीवी के सीईओ की नियुक्ति की गई. संसद टीवी को एक बौद्धिक चैनल के रूप में तैनात किया जा रहा है जो देश के लोकतांत्रिक लोकाचार और संस्थानों से संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करेगा.संसद टीवी प्रोग्रामिंग मुख्य रूप से 4 श्रेणियों में होगी – संसद और लोकतांत्रिक संस्थानों का कामकाज, शासन और योजनाओं/नीतियों का कार्यान्वयन, भारत का इतिहास और संस्कृति और समकालीन प्रकृति के मुद्दे/हित /चिंताएं.