नई दिल्ली. दिल्ली में से शराब की प्राइवेट दुकानें बंद होने जा रही हैं. एक अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच 47 दिन तक सिर्फ सरकारी दुकानों पर ही शराब की बिक्री होगी. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया है कि नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अब दिल्ली में 17 नवंबर से नई आबकारी नीति के तहत दुकानें खोली जाएंगी. इस दौरान एक अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच सिर्फ सरकारी दुकानों पर ही शराब की बिक्री होगी.
इस दौरान होने वाले किल्लत पर सिसोदिया ने कहा कि यह ट्रांजिशन पीरियड होगा. ऐसे में सरकारी दुकानों पर बिक्री होगी तो दिक्कत नहीं आएगी. दिल्ली में अभी 720 से ज्यादा शराब की दुकानें है. इसमें 260 निजी और 460 सरकारी दुकानें हैं. इसमें 88 दुकानें ऐसी है, जिनमें सिर्फ देशी शराब की बिक्री होती है. नई आबकारी नीति के अनुसार सभी 32 जोन में लाइसेंस के आवंटन के बाद सरकार ने निजी शराब की दुकानों का जो लाइसेंस 30 सितंबर तक के लिए बढ़ाया था, उसे अब आगे जारी नहीं करेगी. इसके चलेत एक अक्टूबर से सभी 260 शराब की दुकानें बंद हो जाएगी. इसकी जगह नई आबकारी नीति के तहत जारी लाइसेंसधारी 17 नवंबर से नई आबकारी नीतियों के तहत दुकानें खोलेंगे.
सिर्फ सरकारी दुकानों पर मिलेगी शराब
इस तरह एक अक्टूबर से अगले 47 दिन तक दिल्ली में सिर्फ सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री होगी. डिप्टी सीएम उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोविड के समय जब हम आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है. उस समय नई आबकारी नीति से हमें हर साल 3200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. वर्तमान में नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस आवंटन से ही सरकार को 8900 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है. दस्तावेजों के मुताबिक यह राजस्व सरकार के अनुमान 7042 करोड़ से 26.7 फीसदी ज्यादा है. इसी के साथ नए ब्रांड की मंजूरी और अन्य एक्साइड ड्यूटी से भी सरकार को राजस्व मिलेगा. इस तरह कुल 10 हजार करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस नीति से ना सिर्फ सरकार का राजस्व बढ़ेगा जबकि एक्साइज की चोरी भी रूकेगी. दिल्ली में शराब माफियाओं को खत्म करने में मदद मिलेगी. मनीष सिसोदिया ने कहा अभी तक दिल्ली में कई वार्ड ऐसे है जहां एक भी दुकान नहीं है. कई ऐसे है जहां 10-15 दुकानें है. हमने दिल्ली को 32 जोन में बांटकर इसका रेशनलाइजेशन भी किया है.