लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विकास को नई पहचान देने के लिए गांव-गांव तक बनाई जा रही नई सड़कें बड़ा बदलाव लाने जा रही है। मजरों तक आवाजाही की सुविधा के साथ उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, ग्रामीण जन-जीवन में सुधार आने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। किसानों, विद्यार्थियों, युवाओं के साथ ही साथ समस्त ग्रामवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। किसान को सब्जी, अनाज, दूध इत्यादि को आसानी से मण्डी तक पहुंचाने से उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।
प्रदेश में केन्द्र सरकार की योजना से गांव-गांव तक और मजरों तक सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। साढ़े 4 साल में प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का पहला और दूसरा चरण पूरा हो चुका है। प्रदेश में 57162.55 किमी. सड़क का निर्माण पूरा करा लिया गया है। 05 वर्ष तक इन मार्गों के रख-रखाव का कार्य सड़क बनाने वाले ठेकेदारों को दिया गया है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि योजना के तीसरे चरण में 4130.27 करोड़ रुपये की लागत से 6208.45 किमी नई सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में भारत सरकार की ओर से वर्ष 2024-25 तक उत्तर प्रदेश में 18937.05 किमी. सड़क निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जहां पहले गांवों तक पहुंचना आसान नहीं था वहीं वर्ष 2017 में योगी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने नई क्रांति लाने का काम किया है। गांव-गांव में मजरों तक नई सड़क बनने से यूपी निरंतर तरक्की कर रहा है। संचार माध्यम गांव-गांव तक पहुंच रहे हैं। नई सड़कों के निर्माण से गांव-गांव में एम्बुलेंस और अन्य चिकित्सीय सुविधाएं आसानी से पहुंचने लगीं हैं। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी आवागमन शुरू होने से आमजन अपने गन्तव्य तक आसानी से पहुंच रहे हैं।