नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीन के मुद्दे पर ब्रिटेन के भेदभाव के खिलाफ भारत को बड़ी कायमाबी हासिल हुई है. आखिरकार यूके ने भारत ने बनी कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड को मान्यता दे दी है. समाचार के मुताबिक अपनी संशोधित ट्रैवल गाइड में यूके सरकार का कहना है कि कोविशील्ड को सफल वैक्सीन के रूप में मान्यता दी जाती है. हालांकि अब भी भारत से यूके जाने वाले यात्रियों को क्वारंटीन रहना पड़ेगा और यूके पहुंचने पर कोरोना जांच भी करवाना होगी. इसका कारण यह है कि ब्रिटेन अभी भी कोविन प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं कर रहा है. वैसे इस बाधा को दूर करने के लिए दोनों देश बातचीत कर रहे हैं.
इससे पहले कोरोना वैक्सीन से संबंधित ब्रिटेन के यात्रा नियमों को लेकर उस समय विवाद हो गया है, जब कहा गया था कि भारत में वैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को वहां क्वारंटीन रहना पड़ेगा. भारत में इसका जबरदस्त विरोध शुरू हो गया था.
भारत सरकार ने यूके के इस फैसले को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज जताई कराई थी और ब्रिटेन को चेतावनी भी जारी की थी. विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला ने कहा था कि यूके सरकार का कोविशील्ड को एक वैध एंटी-कोविड वैक्सीन के रूप में मान्यता नहीं देने का फैसला भेदभावपूर्ण है. ब्रिटेन के इस कदम से वहां की यात्रा करने वाले भारतीय प्रभावित होंगे.
थरूर ने भी किया था विरोध, रद्द कर दिया था दौरा
यूके सरकार के इस फैसला का कांग्रेस नेताओं ने भी विरोध किया था. शशि थरूर और जयराम रमेश ने ब्रिटेन सरकार के इस कदम की आलोचना में ट्वीट किए थे. थरूर ने तो इस नियम की आलोचना करते हुए ब्रिटेन में होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था. जयराम नरेश ने भी यूके की आलोचना करते हुए कहा था कि कोविशील्ड मूल रूप से यूके में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे द्वारा उस देश को भी आपूर्ति की गई थी.