जयपुर. पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब राजस्थान में भी सियासी हलहल तेज हो गई है. सचिन पायलट गुट और गहलोत गुट एक बार फिर से आमने-सामने हैं. इसी बीच जब से खबर आई कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीमारी से उबरकर कामकाज फिर से शुरू कर दिया है, तब से पायलट गुट कुछ ज्याद ही मुखर हो गया है. सचिन पायलट के करीबी कांग्रेस नेता महेश शर्मा ने पार्टी हाईकमान से मांग की है कि वह पंजाब की तरह राजस्थान में बदलाव करे और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए. राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री विधायक राजेंद्र चौधरी ने सचिन पायलट को प्रदेश की बागडोर सौंपने की बात कही है.
इधर, गहलोत गुट ने जवाबी हमला करते हुए कहा है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन का सवाल ही नहीं उठता. गहलोत कैंप के विधायक महेंद्र चौधरी का कहना है कि गहलोत पूरे पांच साल सरकार चलाने में सक्षम हैं. गहलोत समर्थक विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि पायलट अगर पार्टी के हिसाब से चलेंगे तो धरोहर रहेंगे.
पंजाब संकट के समाधान के बाद राजस्थान में सचिन पायलट कैंप की बेसब्री बढ़ गई है. इस बेसब्री को राहुल गांधी ने और बढ़ा दिया है. जब से राहुल गांधी और सचिन पायलट की मुलाकात दिल्ली में हुई है, पायलट समर्थकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में जल्द बदलाव नजर आ सकता है.