पेशावर. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का एक और मामला सामने आया है. गुरुवार को पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक सिख हकीम की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने बताया कि हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) को चार गोलियां लगीं और उनकी मौके पर मौत हो गयी. हमलावर मौके से फरार होने में सफल रहे. सिंह शहर के चरसद्दा रोड पर क्लीनिक चला रहे थे.
पुलिस ने बताया कि हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) अपने क्लीनिक पर थे तभी हमलावर उनके केबिन में घुस गये और गोलियां चला दीं. पुलिस आतंकवाद की संभावना समेत अन्य एंगल से मामले की जांच कर रही है.
पेशावर में करीब 15,000 सिख रहते हैं जिनमें अधिकतर कारोबार करते हैं और कुछ फार्मेसी चलाते हैं. साल 2018 में भी एक सिख चरणजीत सिंह की पेशावर में अपराधियों ने हत्या कर दी थी. पेशावर में ही पिछले साल न्यूज एंकर रविद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इससे पहले 2016 में एक नेता सोरेन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
2017 की जनगणना के मुताबिक, अल्पसंख्यक समुदाय में सबसे अधिक आबादी पाकिस्तान में हिंदू की है. उसके बाद ईसाई हैं. पाकिस्तान में सिख, अहमदी और पारसी भी अल्पसंख्यक हैं. भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने का मामला लगातार उठाता रहा है. 24 सितंबर को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा था, उनके (इमरान खान) देश में आतंकवादी बेरोक टोक खुलेआम आ जा सकते हैं, जबकि आम लोगों विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीवन इसके उलट है.