बोस्टन. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर मामले और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष की चर्चा अमेरिका में भी हो रही है. वर्ल्ड बैंक की बैठक में शामिल होने गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बारे में सवाल किया गया. बोस्टन के हार्वर्ड केनेडी स्कूल में एक चर्चा के दौरान सीतारमण से पूछा गया कि प्रधानमंत्री और वरिष्ठ मंत्री लखीमपुर की घटना पर चुप क्यों हैं और जब कोई सवाल किया जाता है तो बचने की कोशिश क्यों की जाती है?
इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि लखीमपुर की हिंसा में 4 किसानों का मारा जाना बेशक निंदनीय है, लेकिन देश के दूसरे इलाकों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ऐसी हर घटना को बराबरी से उठाना चाहिए, न कि तब जब कि वे आपके माफिक हों. सिर्फ इसलिए यह मुद्दा नहीं उठना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है.
सीतारमण ने कहा, मैं चाहूंगी कि आप सभी लोग और डॉ. अर्मत्य सेन जो भारत को अच्छी तरह जानते हैं उन्हें हर बार ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिए. मेरे कैबिनेट सहयोगी के बेटे शायद मुश्किल में हैं और ये मान भी लें कि जो कुछ हुआ उन्होंने ही किया, किसी और ने नहीं किया, तो भी कानून के तहत जांच प्रक्रिया पूरी होगी.
सीतारमण ने आगे कहा, मेरी पार्टी या प्रधानमंत्री इस मामले को लेकर डिफेंसिव नहीं है, बल्कि भारत को लेकर डिफेंसिव है. मैं भारत की बात करूंगी, मैं गरीबों को न्याय की बात करूंगी. हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए. यही मेरा जवाब है.
कृषि कानूनों पर हर पक्ष से चर्चा की गई, हंगामा बेवजह
किसानों के प्रदर्शन को लेकर किए गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जो तीन कृषि कानून लेकर आई है उन पर करीब एक दशक तक अलग-अलग संसदीय समितियों ने चर्चा की थी. क्चछ्वक्क जब 2014 में सत्ता में आई तो राज्य सरकारों समेत सभी पक्षों से कृषि कानूनों पर बात की गई थी. जब लोकसभा में बिल लाए गए तो भी विस्तार से चर्चा हुई और कृषि मंत्री ने जवाब दिया था, लेकिन इन बिलों के राज्यसभा में पहुंचते ही हंगामा खड़ा कर दिया गया.