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सेंसेक्स पहली बार 60600 के पार, निवेशकों को हुआ 1.44 लाख करोड़ का फायदा

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मुंबई. खरीदारी से सेंसेक्स पहली 60,600 के पार कर गया. जबकि निफ्टी 18100 को पार गया. फिलहाल, सेंसेक्स 300 अंकों की बढ़त के साथ 60584 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी में 110 अंकों की तेजी आई है. लगातार पांचवें दिन बाजार में तेजी का रुख है. बुधवार को बाजार में उछाल से निवेशकों की दौलत 1.44 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई.

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा एमएंडएम में 4 फीसदी से अधिक की तेजी आई है. इसके साथ पावरग्रिड, भारती एयरटेल, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में शीर्ष पर रहा. दूसरी ओर, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, एचसीएल टेक, एसबीआई और टाटा स्टील में गिरावट का रुख है.

शेयर बाजारों में जोरदार उछाल के बीच पांच कारोबारी सत्रों में निवेशकों की पूंजी 7,54,057.31 करोड़ रुपये बढ़ी है. इन पांच कारोबारी सत्रों में बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,54,057.31 करोड़ रुपये बढ़कर 2,69,74,604.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, वैश्विक संकेतकों के अनुरूप शेयर बाजारों की शुरुआत कमजोर रुख के साथ हुई. लेकिन कारोबार के अंतिम घंटों में कुछ लिवाली का सिलसिला चलने से बाजार अंतत: सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए.

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मंगलवार को 148.53 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,284.31 अंक के अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया. चार दिन में सेंसेक्स में 1,094.58 अंक का उछाल आया है.

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे क्योंकि उन्होंने मंगलवार को 278.32 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की.

घरेलू शेयर अभी अच्छे दिख रहे

रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड-स्ट्रेटेजी बिनोद मोदी ने कहा कि घरेलू शेयर अभी अच्छे दिख रहे हैं. सब्जियों और अन्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर 4.35 प्रतिशत पर आ गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 7.27 प्रतिशत थी.  अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मुख्य रूप से कम-आधार प्रभाव और विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण पूर्व-सीओवीआईडी स्तर को पार कर गया.

IMF ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. जबकि अगले साल 2022 के लिए अनुमान लगाया गया है कि यह दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था रहेगी. भारत में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर होगी और यह 8.5 फीसदी तक पहुंच सकती है. जबकि अमेरिका से यह दर 5.2 फीसदी तक रह सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2026-27 तक 6.1 फीसदी की दर से विकास करता रहेगा.

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