मुंबई. आर्यन क्रूज ड्रग्स केस की जांच कर रहे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की जाति और दस्तावेजों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. बुधवार को मीडिया ने काजी मोहम्मद मुजामिल अहमद से बात की. इसमें उन्होंने दावा किया कि वानखेड़े झूठ बोल रहे हैं. अगर वे मुस्लिम नहीं होते तो वे निकाह ही नहीं कराते. उस समय उनके पिता का नाम दाऊद लिखा गया था.
इससे पहले बुधवार को ही महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी वानखेड़े पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर 2006 की रात 8 बजे समीर दाउद वानखेड़े ने सबाना कुरैशी से अंधेरी के लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में निकाह किया था. इस दौरान 33,000 रुपए बतौर मेहर दी गई थी.
मलिक के मुताबिक, इस निकाह का गवाह नंबर दो, यानी अजीज खान, समीर दाऊद वानखेड़े की बड़ी बहन यास्मीन दाऊद वानखेड़े का पति था. अपनी बात की पुष्टि के लिए नवाब मलिक ने एक निकाहनामा और एक तस्वीर सोशल मीडिया में पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि यह तस्वीर और निकाहनामा समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी सबाना का है. इससे पहले नवाब मलिक ने एक बर्थ सर्टिफिकेट भी शेयर किया था, जिसे कथित रूप से समीर वानखेड़े का बताया था. इसमें उनका धर्म मुस्लिम लिखा हुआ था.
यह पहली बार नहीं है, जब नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े को मुस्लिम साबित करने का प्रयास किया है. इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े दलित से मुस्लिम बने और फर्जीवाड़ा कर समीर वानखेड़े को दलित कोटे से नौकरी दिलवाई गई. हालांकि मंत्री के आरोप पर ज्ञानदेव वानखेड़े ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया था.