नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रुनेई द्वारा आयोजित 16वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। कोरोना महामारी की वजह से इसे वर्चुअल ही आयोजित किया गया था। इस बैठक में पीएम मोदी ने स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक क्षेत्र के सिद्धांत पर भारत के ध्यान केंद्रित करने की बात कही। इस सम्मेलन में अमेरिका, रूस, चीन समेत 18 देश सदस्य के तौर पर भाग लेंगे।
बैठक से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा था कि भारत बहुपक्षवाद, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कानून, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साझा मूल्यों के प्रति सम्मान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। वैसे ये सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख नेताओं को मंच देने वाला है। 2005 में अपनी स्थापना के बाद से इसने पूर्वी एशिया के रणनीतिक और भू-राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
वहीं बात करें इसके सदस्य देशों की तो 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं। भारत इसके संस्थापक सदस्यों में से एक है, जिस वजह से उसके ऊपर काफी जिम्मेदारियां हैं। साथ ही वो सम्मेलन को मजबूत करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन के साथ चल रहा है विवाद
चीन दुनियाभर में अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए जाना जाता है। दक्षिणी चीन सागर के अलावा वो हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में दखल देता रहता है। जिस पर भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया कई बार चर्चा भी कर चुके हैं। अब पीएम मोदी के इस बयान को भी काफी अहम माना जा रहा है।