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रामायण एक्सप्रेस की यूनिफॉर्म पर विवाद, भगवा पहन बर्तन उठा रहे वेटर; संत बोले- यह अपमान

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उज्जैन. रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन में सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस पर उज्जैन के साधु-संतों ने आपत्ति जताई है. दरअसल इस ट्रेन के वेटर्स को भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई है. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में वेटर्स संतों की वेशभूषा में लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं, वही लोग जूठे बर्तन उठाते नजर आ रहे हैं.

संतों का कहना है कि यह उनका अपमान है. ट्रेन के वेटर्स को कोई दूसरी ड्रेस पहनाई जानी चाहिए. उज्जैन के संतों ने रेल मंत्री को चिट्ठी लिखकर 12 दिसंबर को शुरू होने वाले ट्रेन की अगली ट्रिप का विरोध करने की चेतावनी दी है. नाराज संतों ने ट्रेन रोकने की बात भी कही है.

वेटर्स का पहनावा तुरंत बदलने की मांग

अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने कहा है कि जल्द ही वेटर्स की वेशभूषा को बदला जाए, वरना 12 दिसंबर को निकलने वाली अगली ट्रेन का संत समाज विरोध करेगा और ट्रेन के सामने हजारों हिन्दुओं को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.

17 दिन में 7500 किलोमीटर की यात्रा

दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है. यहां से ही धार्मिक यात्रा शुरू होती है. अयोध्या से यात्रियों को सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल ले जाया जाता है. इसके बाद ट्रेन से यात्रियों को भगवान शिव की नगरी काशी ले जाया जाता है. यहां से बसों के जरिए काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट ले जाया जाता है.

चित्रकूट से यह ट्रेन नासिक पहुंचती है, जहां पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण कराया जाता. नासिक से किष्किंधा नगरी हंपी, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्मस्थल और का दर्शन कराया जाता है. इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम है, जहां धनुषकोटी के दर्शन कराते हैं. रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन 17वें दिन वापस लौटती है. रेल और सड़क मार्ग की यात्रा को मिला दें तो यह यात्रा 7500 किलोमीटर की है.

खास तौर पर तैयार कराए ट्रेन के कोच

रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन आईआरसीटीसी ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देखो अपना देश पहल के तहत चलाई है. इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन कराया जाता है. रामायण एक्सप्रेस को खासतौर से डिजाइन किया गया है. एसी कोच वाली ट्रेन में साइड वाले बर्थ को हटा कर यहां आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं. अलग से टॉयलेट भी बनाया गया है, जिसमें नहाने का भी इंतजाम है. ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं.

12 दिसंबर को ट्रेन की अगली ट्रिप

12 दिसंबर को रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप है. इसके लिए ढ्ढक्रष्टञ्जष्ट की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है. बुकिंग पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी. एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख 02 हजार 95 और सेकेंड एसी में सफर के लिए प्रति व्यक्ति 82 हजार 950 रुपए किराया तय किया गया है. 18 साल से ज्यादा उम्र के हर पैसेंजर को कोविड के दोनों टीके लगवाना जरूरी है.

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