सोनभद्र. साल 2013 में सात वर्षीय सात वर्षीय नाबालिग दलित बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में दोषी शहजाद को फांसी की सजा सुनाई गई है. सोनभद्र में बुधवार को अपर सत्र न्यायालय ने दुष्कर्म के बाद हत्या, के मामले में दोषी शहजाद को फांसी की सजा सुनाई. इसके साथ ही दो लाख रुपए अर्थदंड जिसे न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद की सजा दी गई है. वही मृत्युदंड की पुष्टि के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रेषित किय गया है.
अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी शहजाद को फांसी एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मे मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी दलित व्यक्ति ने 10 जनवरी 2013 को थाने में दी तहरीर में शहजाद पर आरोप लगाय था. इसमें उसने कहा था कि उसकी सात वर्षीय बेटी सुबह 9 बजे घर से खेलने के लिए निकली थी जो वापस नहीं लौटी. जब उसकी खोजबीन की गई तो पता चला कि हैंडपंप पर विंढमगंज थाना क्षेत्र के हरपुरा गांव निवासी शहजाद पुत्र सफी उल्लाह बेटी से कुछ बातचीत कर रहा था. दोपहर बाद 1:30 बजे दिन में बेटी की नग्न लाश अरहर के खेत में मिली. जिसे देखने पर लग रहा था कि उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी उसी के कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी गई हो.