कोलकाता. एक वक्त था जब अपराधी इनसे डरते थे. अब वह खुद अपराधियों की श्रेणी में आ गयी है. पश्चिम बंगाल की सीआईडी टीम में शामिल सुपरिंटेंडेंट और पदोन्नत आईपीएस अधिकारी भारती घोष मोस्ट वॉन्टेड की सूची में शामिल हो गयी हैं.
आईपीएस बनने से पहले भारती पुलिस विभाग में काम करती थीं. सीआईडी टीम में शामिल रहीं भारती पर अब सीआईडी ने ही 300 करोड़ की जमीन खरीदी का आरोप लगाया है. भारती पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा नहीं दिया. भारती घोष को फरार घोषित कर दिया गया है. भारती पर अवैध वसूली सहित कई मामले दर्ज किये गये हैं.
पुलिस भारती की तलाश में जगह- जगह छापेमारी कर रही है. भारती की अवैध वसूली का मामला तब सामने आया जब एक व्यापारी ने अवैध वसूली की शिकायत की . इस मामले में सीआईडी ने जांच के आदेश दिये. दूसरी तरफ भारती घोष ने एक ऑडियो जारी कर सीआईडी की कार्रवाई की निंदा की है . उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. इस पूरे मामले ने अब राजनीतिक रूप भी ले लिया है. भाजपा और कांग्रेस ने इस पूरे मामले में जांच के साथ 2011 में मारे गए सीनियर माओवादी नेता किशनजी उर्फ कोटेश्वर राव की मौत के मामले की भी जांच की मांग की है. इन सभी का आरोप है कि रणनीति के तहत पूर्व पूलिस अधिकारी की पोस्टिंग माओ प्रभावित मिदनापुर में की गई थी. भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद उनके राजनीतिक पार्टी में शामिल होने की खबर आती रही.