एक स्टडी के मुताबिक भारत में करीब 49 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनमें विटामिन डी की कमी है और इस कमी की वजह से लोगों में तनाव बढ़ा रहा है.मेडिकल जर्नल नेचर में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, भारत, अफगानिस्तान और ट्यूनीशिया जैसे देशों की करीब 20 फीसदी आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है. इसमें अगर भारत की बात करें तो यहां करीब 49 करोड़ लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और यूरोप के देशों में यह आंकड़ा क्रमश: 5.9 फीसदी, 7.4 फीसदी और 13 फीसदी है. विटामिन डी की कमी का तनाव के साथ संबंध पाया है.
रिसर्चर लॉरेन हार्म्स का कहना है कि विटामिन डी की कमी से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने की संभावना होती है. कोरिया में हुए एक शोध में जिन लोगों को शामिल किया गया, उनमें डिप्रेशन (तनाव) के साथ-साथ विटामिन डी की कमी भी पाई गई थी. इससे पहले कनाडा की मेक्मास्टर यूनिवर्सिटी की स्टडीमें भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था. रिसर्चर्स का मानना है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगाना पड़ा था. इस दौरान लोगों को घरों में ही कैद होना पड़ा. लॉकडाउन के चलते लोगों में विटामिन डी की कमी और ज्यादा बढ़ गई.
नींद की कमी से भी है संबंध
रिसर्चर्स के मुताबिक घर में रहने, प्रदूषण, जंक फूड खाने और पौष्टिक आहार न मिलने से भी लोगों में विटामिन डी की कमी बढ़ी है. साथ ही शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन की कमी का संबंध नींद से भी है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, विटामिन डी एक वसा घुलनशील विटामिन है, जिसे आपका शरीर स्वस्थ रहने के लिए अवशोषित और संग्रहित करता है. यह कई शारीरिक कार्यों को पूरा करने जैसे इम्युनिटी बूस्ट करने, दांतों, मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने, मानसिक सेहत से लेकर हार्ट अटैक होने, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी हमें दूर रख सकता है.
कैसे दूर होगी कमी
ये तो सभी जानते हैं कि विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स सूरज की रोशनी है. इसके अलावा, मछली, संतरे का जूस, दूध और अनाज को डाइट में शामिल करने से भी विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है.
डार्क स्किन वाले लोगों में मेलानिन की कमी होती है, जिससे विटामिन डी का निर्माण कम होता है. इसलिए उन्हें धूप में ज्यादा समय रहना चाहिए. इसके अलावा बॉडी मास इंडेक्स (BMI) सही रखने से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो सकती है.