इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस दौरान खांसी की शिकायत भी काफी आम हो जाती है. लेकिन अगर लगातार कई दिनों तक खांसी आ रही है और उसके साथ बलगम भी आ रहा है तो यह फेफड़ों से संबंधित एक बीमारी का लक्षण होता है.जिसे ब्रोंकाइटिस कहते हैं. अगर समय पर इस बीमारी का इलाज़ नहीं किया जाए तो फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है. जो काफी घातक साबित हो सकता है.
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर भगवान मंत्री के मुताबिक, फेफड़ों में एक नली के माध्यम से सांस आती और जाती है. जिसे श्वास नली कहते हैं. कई बार एलर्जी, बैक्टीरिया या किसी संक्रमण के कारण इस नली में जलन और सूजन आ जाती है. जिससे ब्रोंकाइटिस हो जाता है. ब्रोंकाइटिस को ब्रोन्कियल ट्यूबों की सूजन भी कहा जाता है. वैसे तो यह समस्या एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर इससे ज्यादा समय तक परेशानी बनी हुई है तो यह लंग्स में इंफेक्शन का संकेत हो सकता है.
सिगेरेट पीने वालों को अधिक खतरा
ब्रोंकाइटिस दो प्रकार की होती है. पहली एक्युट और दूसरी क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस. एक्युट ब्रोंकाइटिस कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह समस्या महीनों तक बनी रहती है या साल में एक दो बार जरूर होती है तो इसे कॉर्निक ब्रोंकाइटिस कहते हैं. जो लोग स्मोकिंग (Smoking) करते हैं. उनको कॉर्निक ब्रोंकाइटिस होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है. इसके अलावा छोटे बच्चों में भी यह समस्या काफी देखी जाती है. कई मामलों में ब्रोंकाइटिस के कारण लंबे समय तक खांसी, सांस लेने में तकलीफ, छाती में जकड़न और थकान की परेशानी बनी रह सकती है.कई मामलों में ब्रोंकाइटिस किसी दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है. इसलिए सर्दी या एक्यूट ब्रोंकाइटिस वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में न आएं क्योंकि इससे इन्फेक्शन की आशंका रहती है. यह तब होता है जब ब्रोंकाइटिस किसी वायरस या बैक्टीरिया के कारण हुआ होता है. कई मामलों में यह समस्या बढ़कर अस्थमा के लक्षण भी पैदा कर सकती है.
इन बातों का ध्यान रखें
धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ दे
सुबह उठकर सांस की एक्सरसाइज करें
अगर लगातार तीन दिन तक खांसी बनी हुई है तो डॉक्टरों से संपर्क करें
धूल, मिट्टी और प्रदूषण से खुद का बचाव करें
अपनी इम्युनिटी को मजबूत रखें