न्यूयॉर्क. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है. ओमिक्रॉन का पहला केस सामने आने के महज एक महीने के अंदर ही ये वेरिएंट दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है. ओमिक्रॉन की वजह से कुछ देशों में बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन की दर भी बढ़ी है.
न्यूयॉर्क स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘कोविड-19 से जुड़े बाल चिकित्सा अस्पतालों में काफी संख्या में नए मरीज भर्ती हुए हैं. न्यूयॉर्क शहर में बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की दर 4 गुना बढ़ गई है.’ विभाग ने कहा कि इनमें से आधे बच्चे पांच साल से कम उम्र के हैं. इस आयु वर्ग के मरीज वैक्सीन के लिए अभी अयोग्य हैं.
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सात दिनों में अमेरिका में प्रतिदिन औसतन लगभग 190,000 नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, अमेरिका के टेक्सास से भी ओमिक्रॉन से बच्चों के संक्रमित होने की रिपोर्ट्स है. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के को-चेयरमैन डॉ. जिम वर्सालोविक का कहना है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान उनके अस्पताल में 18 साल से कम उम्र के लोगों के भर्ती होने की रफ्तार दोगुनी हो गई है.
डॉक्टरों ने पाया कि ओमिक्रॉन फैलने के बाद अमेरिका में 5 साल से कम उम्र के बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन रेट में बढ़ोतरी हुई है. डॉक्टरों ने पाया कि हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले बच्चों में एक कॉमन बात ये है कि ज्यादातर बच्चों के पेरेंट्स अनवैक्सीनेटेड थे.
UNICEF के मुताबिक, भारत समेत दुनिया के 82 प्रमुख देशों में कोरोना से अब तक हुई कुल 34 लाख मौतों में से 0.4 फीसदी (करीब 12 हजार) मौतें ही बच्चों की हुई हैं. इस आंकड़े में 20 साल से कम उम्र के किशोरों और बच्चों को शामिल किया गया है. इन 12 हजार मौतों में से 58 फीसदी मौतें 10-19 साल की उम्र के किशोरों की हुई हैं. वहीं, 12 हजार मौतों में से 42 फीसदी मौतें 0-9 साल की उम्र के बच्चों की हुई हैं. 22 दिसंबर तक दुनिया में कोविड के कुल 27 करोड़ से अधिक केस आए और 53 लाख से अधिक मौतें हुई थीं.