काबुल. तालिबान ने अफगानिस्तान पर सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही अमेरिकी मददगार सरकारी अफसरों पर नजर रखी, महीनों तक जांच की और माफी देने तक का झांसा दिया और आखिर में सजा दे दी. खबर के मुताबिक 500 सरकारी अफसरों की हत्या हो चुकी है या फिर वे लापता हैं. हालांकि तालिबान ने इन आरोपों को निराधार बताया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अमेरिकी मददगारों को तलाशने के लिए अफगानिस्तान के सैनिकों और सरकारी कर्मचारियों को लेकर कई हथकंडे अपनाए. खबरों में कहा गया है कि करीब 500 लोगों की अब तक हत्या हो चुकी है या फिर उन्हें बंधक बनाया हुआ है. इन सभी पर अमेरिकी सेना की मदद करने का आरोप है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच के हवाले से बताया कि तालिबान ने सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही सजा देना शुरू कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार इसके कारण केवल छह महीनों में ही लगभग 500 सैन्य कर्मियों, अफसरों और राज्य के अधिकारियों की या तो हत्या हो गई या फिर वे अचानक लापता हो गए. कंधार से 114 लोगों के लापता होने और बगलान प्रदेश में 86 हत्याएं होने की जानकारी दी गई है. खबर के मुताबिक तालिबान से ऐलान किया था कि अफगानिस्तान के सैनिकों, अफसरों और अन्य सरकारी अधिकारियों को माफ कर देंगे. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक में अफगानिस्तान के सैन्य कमांडर ने कई बातों का खुलासा किया है. अपनी पहचान को उजागर न करने की शर्त पर इस सैन्य कमांडर ने बताया कि तालिबान ने माफी देने के लिए सैन्य कर्मियों, सरकारी कर्मचाारी और अधिकारी और अन्य लोगों को पुलिस मुख्यालय में बुलाया था.
मुख्यालय पहुंचे अफगानिस्तानियों से तालिबान ने पहले पूरी पूछताछ की और मारा-पीटा. इनमें से कुछ तो निर्मम पिटाई के कारण ही मर गए थे तो कुछ को तालिबान ने अपने तौर-तरीके से मौत के हवाले कर दिया. तालिबान ने इन लोगों से कहा कि कई सालों तक हमारे खिलाफ लड़े और हमारे साथियों को मार डाला. ऐसे में हम तुम्हें कैसे जिंदा छोड़ दें. सरकारी कर्मचारियों और सैन्य कर्मियों के बारे में तालिबान ने पहले ही सारी जानकारी जुटाई थी. इसमें फोरेंसिक वीडियो परीक्षा, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट और पीडि़तों, गवाहों और पीडि़तों के परिजनों से सीधी बातचीत आदि शामिल है.
प्रतिशोध में हत्या करने या सजा देने के आरोप झूठे हैं- तालिबान
तालिबान ने कहा है कि ऐसे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. हत्याओं या सजा देने जैसे आरोप निराधार हैं. तालिबान के प्रवक्ता का दावा है कि ये झूठी खबरें केवल दुनिया को गुमराह करने के लिए है. हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा कर लेने के बाद से हालात बदतर हैं. मानवाधिकार की स्थिति चिंताजनक हो गई है. तालिबान के डर से हजारों अफगानिस्तानियों ने देश को छोड़ दिया है.